युवराज सिंह एक ऐसा नाम, जोकि हमेशा ही एक बड़े मैच के खिलाड़ी रहे हैं। भारत की यादगार जीतों का हिस्सा रहे युवी 2011 में वर्ल्ड कप में प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट रहे थे। युवी ने वनडे में अपना डेब्यू 3 अक्टूबर 2000 को किया था और अपने पूरे वनडे करियर में उन्होंने 14 शतक लगाए। हालांकि आपको जानकर हैरानी होगी कि युवी को अपने पहले शतक के लिए 70 मैचों और 3 साल का इंतजार करना पड़ा था। आज ही के दिन 2003 में बांग्लादेश के खिलाफ युवराज सिंह ने अपना पहला शतक लगाया था।
ढाका में हुए मुकाबले में भारत ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला लिया और युवराज सिंह बल्लेबाजी करने तब आए, जब टीम का स्कोर 26.1 ओवर में 132-3 था। वीरेंदर सहवाग ने टीम को बेहतरीन शुरुआत दिलाई। युवराज सिंह ने आने के बाद एक छोर संभाले रखा, लेकिन जल्द ही टीम का स्कोर 172-6 हो गया। युवी को इसके बाद अजीत अगरकर का साथ मिला और दोनों के बीच 92 रनों की साझेदारी हुई। अगरकर का योगदान इस साझेदारी में सिर्फ 20 रन का ही रहा।
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हालांकि युवराज सिंह ने नाबाद रहते हुए 85 गेंदों में 9 चौके और 4 छक्के की मदद से 102 रनों की पारी खेलते हुए अपने वनडे और अंतर्राष्ट्रीय करियर का पहला शतक लगाया। युवी का यह शतक 71वें मैच की 61वीं पारी में आया। हालांकि टीम पूरे 50 ओवर नहीं खेल पाई और आखिरी ओवर में 276 रनों पर ऑलआउट हो गई।
277 रनों का पीछा करने उतरी बांग्लादेश की टीम बुरी तरह लड़खड़ा गई और भारतीय गेंदबाजों के आगे 27.3 ओवरों में ही 76 रनों पर सिमट गई और 200 रनों से इस मैच को हार गए। भारत के लिए जहीर खान ने 4, अजीत अगरकर ने 3, अविष्कर साल्वी ने 2 और हरभजन सिंह को एक विकेट मिला। युवराज सिंह को उनकी शतकीय पारी के लिए प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया।