इंग्लैंड (England Cricket team) के पूर्व कप्तान नासिर हुसैन (Nasser Hussain) ने एशेज सीरीज (Ashes Series) के लिए घोषित हुई 17 सदस्यीय इंग्लिश टीम के प्रति नाखुशी जाहिर की है। एशेज सीरीज का शुभारंभ 8 दिसंबर से होगा।
नासिर हुसैन ने कहा कि इंग्लैंड को कम से कम एक या दो नए चेहरों को मौका देना चाहिए था क्योंकि बेन स्टोक्स इस सीरीज का हिस्सा नहीं होंगे। क्रिकेटर से कमेंटेटर बने हुसैन को लगता है कि साकिब महमूद और मैट पार्किंसन को मौका मिलना चाहिए था।
हुसैन का मानना है कि साकिब महमूद अपनी रिवर्स स्विंग से परेशान कर सकते थे। डेली मेल में लिखे अपने कॉलम में हुसैन ने बताया, 'इंग्लैंड ने बहुत अनुमानिक एशेज स्क्वाड का चयन किया। उन्होंने किसी प्रकार का जोखिम नहीं उठाया और अनकैप्ड खिलाड़ियों को मौका नहीं देना ठीक समझा। मेरे लिए दो फैसले हैरानीभरे थे, साकिब महमूद और मैट पार्किंसन को नहीं चुनना। ऑस्ट्रेलियाई परिस्थितियों में साकिब महमूद अपनी रिवर्स स्विंग से कुछ अलग कर सकते थे। जोफ्रा आर्चर और ओली स्टोन की गैरमौजूदगी में महमूद कमाल करके दिखा सकते थे।'
इसके साथ ही हुसैन ने कहा कि वह डॉम बेस की जगह मेसन क्रेन या मैट पार्किंसन में से किसी एक को चुनते ताकि गेंदबाजी आक्रमण में पैनापन आता।
हुसैन ने कहा, 'मैं डॉम बेस की जगह पार्किंसन की लेग स्पिन के साथ जाता। कप्तान के तौर पर मैं रिस्ट स्पिनर की उपलब्धता का लाभ उठाना पसंद करता। अगर पार्किंसन नहीं तो फिर मेसन क्रेन को चुनता।'
कोच क्रिस सिल्वरवुड ने तेज गेंदबाज के रूप में मार्क वुड को चुना, जिनमें लगातार 90 मील प्रति घंटा की गति से गेंदबाजी करने की क्षमता है। हालांकि, मेहमान टीम को स्टुअर्ट ब्रॉड और जेम्स एंडरसन की अनुभवी जोड़ी का साथ मिलेगा। पहली पसंद वाले किसी खिलाड़ी ने दौरे से अपना नाम वापस नहीं लिया।
लियाम लिविंगस्टोन में है दम: नासिर हुसैन
हुसैन ने इस पर भी खेद प्रकट किया कि लियाम लिविंगस्टोन को नजरअंदाज किया गया। पूर्व इंग्लिश कप्तान का मानना है कि केविन पीटरसन या बेन स्टोक्स की जगह लिविंगस्टोन उपयुक्त साबित होते क्योंकि वो आक्रामक होकर खेलते हैं।
53 साल के हुसैन ने स्टोक्स के बिना इंग्लैंड के संतुलन पर चिंता जताई और उनका मानना है कि विशेषज्ञ स्पिनर की जगह भी टीम में होना चाहिए थी।
हुसैन ने लिखा, 'मैं लियाम लिविंगस्टोन को भी चुनना चाहता। वह केविन पीटरसन और बेन स्टोक्स की भरपाई कर सकते हैं। वह नैसर्गिक रूप से आक्रामक खिलाड़ी हैं, जो विरोधी टीम को परेशान कर सकते हैं। स्टोक्स की गैरमौजूदगी सबसे बड़ी चिंता का विषय है। इससे इंग्लैंड को सेलेक्शन में काफी कठिनाई होगी। उनके बिना टीम का संतुलना बनाना मुश्किल होगा और मुझे लगता है कि इंग्लैंड की टीम सभी तेज गेंदबाजों के साथ मैदान संभालेगी, जिसमें जो रूट ऑफ स्पिनर की भूमिका निभाएंगे।'
इंग्लैंड ने भले ही मजबूत टीम का चयन किया हो, लेकिन उस पर ऑस्ट्रेलिया में एशेज सीरीज जीतने का दबाव होगा। इंग्लैंड ने 2011 से ऑस्ट्रेलियाई धरती पर एशेज सीरीज नहीं जीती है।