दक्षिण अफ्रीका के पूर्व कप्तान फाफ डु प्लेसी का मानना है कि दुनियाभर में टी20 लीग का तेजी से बढ़ना अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के लिए बड़ा खतरा है। उन्होंने कहा कि खेल के प्रशासकों को लीग्स और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के बीच संतुलन बनाना चाहिए।
फाफ डु प्लेसी ने कहा, 'टी20 लीग्स अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के लिए खतरा हैं। लीग्स की शक्ति साल दर साल बढ़ती जा रही है। शुरूआत में साल में एक या दो लीग दुनियाभर में होती थी, लेकिन अब यह बढ़कर 4-6 तक पहुंच चुकी हैं। लीग अब मजबूत होती जा रही हैं।'
प्लेसी ने आगे कहा, 'मेरे ख्याल से यह जरूरी है कि भविष्य में आप कोशिश करें और देखें कि दोनों कैसे चल सकते हैं क्योंकि अगर आगे चलकर यह विकल्प बना तो अंतरराष्ट्रीय खेल के लिए असली खतरा बन सकता है।' पीएसएल 2021 में क्वेटा ग्लेडिएटर्स का प्रतिनिधित्व करने को तैयार प्लेसी ने कहा कि अगर अब सही कदम नहीं लिए गए तो अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को भविष्य में फुटबॉल के जैसे घरेलू टी20 लीग्स से खतरा बन जाएगा।
क्रिकेट बिलकुल फुटबॉल जैसा बन जाएगा: डु प्लेसी
दक्षिण अफ्रीका के अनुभवी बल्लेबाज ने कहा, 'यह बड़ी चुनौती है। हो सकता है कि अगले 10 साल में क्रिकेट एकदम फुटबॉल जैसा बन जाए, जहां आपके अपने वर्ल्ड इवेंट्स होंगे और इस बीच दुनियाभर में लीग चलती रहेंगी, जहां आपके खिलाड़ी खेल सकते हैं।'
वेस्टइंडीज के खिलाड़ियों क्रिस गेल और ड्वेन ब्रावो का उदाहरण देते हुए डु प्लेसी ने कहा कि कई मौजूदा खिलाड़ी आगे चलकर फ्रीलांस क्रिकेटर्स बन जाएं, जो उनके देश की टीम के लिए बड़ा नुकसान होगा।
उन्होंने कहा, 'अगर मैं अपने आप को लेकर चलूं कि दुनियाभर में दो या तीन या चार लीग में खेल रहा हूं, लेकिन अपने भविष्य का अनुमान नहीं लगा सकता। ऐसे ज्यादा से ज्यादा खिलाड़ी होंगे, जो टी20 लीग में खेलना पसंद करेंगे। वेस्टइंडीज संभवत: पहली टीम हो सकती है, जो इसकी शुरूआत करे। उनके सभी खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय टीम से दूर जाकर टी20 लीग में हिस्सा ले सकते हैं। ऐसा दक्षिण अफ्रीका के साथ भी शुरू हो चुका है।'