पिछले साल की तरह इस साल भी आईपीएल नीलामी होनी है। गत वर्ष कार्यक्रम भव्य था लेकिन इस बार यह छोटा होगा। कुछ खिलाड़ी नीलामी से पहले ही रिलीज होकर दूसरी टीमों का हिस्सा बन चुके हैं। इसमें आरसीबी के लिए खेलने वाले क्विंटन डी कॉक का नाम भी शामिल है। मुंबई ने मुस्ताफिजुर रहमान और अकीला धनंजय को रिलीज कर दिया है।
मनदीप सिंह आरसीबी से जा चुके हैं। इसके अलावा खबरें यह भी आई है कि शिखर धवन भी सनराइजर्स हैदराबाद को छोड़कर अन्य टीम की तलाश में है। अगले वर्ष आईपीएल के साथ लोकसभा चुनाव भी होने हैं ऐसे में टूर्नामेंट यूएई या दक्षिण अफ्रीका में कराया जा सकता है। कुछ खिलाड़ियों को पहली बार अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका मिल सकता है। इसमें जो रूट और शिमरोन हेटमायर जैसे नाम इसमें देखे जा सकते हैं। सभी टीमों को रिलीज करने वाले खिलाड़ियों की सूची 15 नवंबर तक जमा करानी है।
मनीष पांडे (सनराइजर्स हैदराबाद)
मनीष पांडे ने कोलकाता नाइटराइडर्स के साथ खेलते हुए निरंतर अच्छा प्रदर्शन किया था। इसे ध्यान में रखते हुए सनराइजर्स हैदराबाद के लिए उन्हें 11 करोड़ रूपये में खरीदा गया था। पिछले सीजन हैदराबाद के लिए खेलते हुए उनका प्रदर्शन काफी खराब रहा था। 15 मैच खेलकर 115 की स्ट्राइक रेट से पांडे ने 284 रन बनाए। इसमें तीन अर्धशतक शामिल रहे। इसके बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी उनका खेल इसी तरह रहा। टीम से कभी बाहर और कभी अंदर होते हुए उन्हें देखा गया है।
सीधे शब्दों में कहा जाए तो जिस राशि के साथ मनीष पांडे को हैदराबाद के लिए खरीदा गया था, उनका प्रदर्शन वैसा नहीं रहा था। हैदराबाद की टीम उन्हें रिलीज कर किसी अन्य खिलाड़ी को ले सकती है। यह भी हो सकता है कि वे उन्हें कम राशि में वापस खरीद कर टीम में शामिल करें।
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जयदेव उनादकट (राजस्थान रॉयल्स)
आईपीएल के दसवें सीजन में जयदेव उनादकट ने राइजिंग पुणे सुपरजायंट्स के लिए खेलते हुए 24 विकेट चटकाए थे। यही वजह रही कि 2018 में उन्हें राजस्थान रॉयल्स ने साढ़े ग्यारह करोड़ रूपये में खरीदा था। चेन्नई सुपरकिंग्स और किंग्स इलेवन पंजाब की टीमें भी उन्हें खरीदना चाहती थी लेकिन बाजी रॉयल्स ने मारी। राजस्थान रॉयल्स के लिए खेलते हुए उन्होंने खूब रन लुटाए। 15 मैचों में उन्होंने 486 रन दिए और महज 11 विकेट प्राप्त किये।
हालांकि हाल ही में विजय हजारे ट्रॉफी और देवधर ट्रॉफी के मैचों में जयदेव उनादकट का प्रदर्शन अच्छा रहा है। पिछले सीजन में खराब प्रदर्शन के कारण राजस्थान रॉयल्स की टीम उन्हें रिलीज कर नीलामी पूल में डाल सकती है। इसके अलावा कम राशि देकर उन्हें वापस भी खरीदा जा सकता है। इस बार उनकी बोली ज्यादा लगने की उम्मीदें बेहद कम ही नजर आ रही है। ऐसे में रॉयल्स किसी अन्य खिलाड़ी को भी उनकी जगह खरीद सकती है।
मुरली विजय (चेन्नई सुपरकिंग्स)
मुरली विजय को पिछले साल अपनी घरेलू टीम चेन्नई सुपरकिंग्स ने 2 करोड़ की राशि में खरीदा था। हालांकि उन्हें तब बड़ा झटका लगा था जब टीम प्रबन्धन ने ओपनिंग बल्लेबाजी के लिए शेन वॉट्सन, फाफ डू प्लेसी और अम्बाती रायडू को जिम्मेदारी दी। उन्हें पूरे सीजन में महज एक मुकाबला खेलने का मौका मिला। किंग्स इलेवन पंजाब के विरुद्ध खेलते हुए इस मैच में उन्होंने सिर्फ 12 रन बनाए।
विजय का आईपीएल करियर लगभग खत्म नजर आता है। हाल ही में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज के पहले दो मैचों में खराब प्रदर्शन के बाद उन्हें टीम से बाहर किया गया था। इसके बाद विंडीज के खिलाफ भी उन्हें मौका नहीं मिला था। हालांकि अब ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए उन्हें भारतीय टेस्ट टीम में शामिल किया गया है। चेन्नई सुपरकिंग्स की टीम भी अपनी राशि का उपयोग किसी अन्य युवा खिलाड़ी पर खर्च करने के उद्देश्य से विजय को रिलीज कर सकती है।
ग्लेन मैक्सवेल (दिल्ली डेयरडेविल्स)
हर साल की तरह इस बार भी दिल्ली देयरडेविल्स की टीम कागज़ पर सुदृढ़ दिखने का प्रयास जरुर करेगी। टीम में कई बार नामी खिलाड़ी होने की बाद भी उन्हें अब तक ख़िताब जीतने का मौका नहीं मिला है। पिछले साल उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के तूफानी खिलाड़ी ग्लेन मैक्सवेल को 9 करोड़ रूपये देकर खरीदा था लेकिन प्रदर्शन उसका आधा भी देखने को नहीं मिला। मैक्सवेल ने दिल्ली के लिए खेलते हुए पिछले सीजन 12 मैचों एम सिर्फ 169 रन बनाए और 5 विकेट चटकाए।
दिल्ली के मध्यक्रम में सुधार नहीं दिखा है। ज्यादातर जिम्मेदारी ऋषभ पन्त और श्रेयस अय्यर के कन्धों पर होती है। उनके बाद आने वाला भी कोई तगड़ा खिलाड़ी होना चाहिए जो टीम को संभाल सके। इस बार मैक्सवेल को रिलीज कर गुरकीरत मान जैसे किसी युवा खिलाड़ी को दिल्ली की टीम में शामिल किया जा सकता है। मैक्सवेल को दी गई राशि में अच्छे 2 या 3 युवा खिलाड़ी आ सकते हैं।
गौतम गम्भीर (दिल्ली डेयरडेविल्स)
पिछले साल दिल्ली डेयरडेविल्स की टीम ने आईपीएल की ट्रॉफी जीतने के सपने संजोये थे। अनुभवी और युवा खिलाड़ियों के मिश्रण वाली टीम के अलावा तुरुप का इक्का गौतम गंभीर भी टीम में वापस लौट आए थे। केकेआर को गंभीर ने अपनी कप्तानी में दो बार आईपीएल का चैम्पियन बनाया था। दिल्ली ने भी उनकी कप्तानी में टॉप चार में जाने की उम्मीदें जगाई थी।
सब कुछ उल्टा हुआ तथा दिल्ली ने शुरूआती 6 मैचों में सिर्फ एक में जीत दर्ज की। गौतम गंभीर ने पूरी जिम्मेदारी लेते हुए टूर्नामेंट के बीच में ही कप्तानी छोड़ दी। इसके बाद श्रेयस अय्यर को कप्तान बनाया गया और आठ मैचों में दिल्ली को चार में जीत मिली। युवा जोश के साथ दिल्ली ने सभी मैच खेले और गंभीर बाहर बैठे, इस बार उन्हें रिलीज करके टीम का मेंटर बनाया जा सकता है। यह भी हो सकता है कि गंभीर कोई अन्य टीम के लिए खेले क्योंकि घरेलू क्रिकेट में उनका प्रदर्शन शानदार रहा है।