Guatam Gambhir Masterstrokes Champions Trophy 2025: चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब भारत ने 12 साल से नहीं जीता था लेकिन अब यह सूखा खत्म हो गया है। 9 मार्च को दुबई में रोहित शर्मा की कप्तानी में टीम इंडिया ने इतिहास रच दिया और न्यूजीलैंड को फाइनल में 4 विकेट से हराकर ख़िताब पर कब्जा जमाया। भारत की जीत के बाद हर तरफ रोहित और उनके साथी खिलाड़ियों की तारीफ हो रही है लेकिन एक ऐसा भी शख्स है, जिसके द्वारा लिए गए फैसलों की वजह से टीम इंडिया की खिताबी जीत आसान हुई। जी हां, हम यहां भारतीय हेड कोच गौतम गंभीर की बात कर रहे हैं।
गौतम गंभीर ने पर्दे के पीछे से कुछ ऐसे फैसले लिए, जिन्हें मास्टरस्ट्रोक कहा जा सकता है। इस आर्टिकल में हम उन्हीं 3 मास्टरस्ट्रोक का जिक्र करने जा रहे हैं, जिनके कारण टीम इंडिया चैंपियंस ट्रॉफी की विजेता बनने में कामयाब रही।
3. अक्षर पटेल को मध्य क्रम में जिम्मेदारी देना
चैंपियंस ट्रॉफी 2025 से पहले शायद ही किसी ने सोचा होगा कि ऑलराउंडर अक्षर पटेल को मध्य क्रम में लगातार नंबर 5 पर खेलने का मौका मिलेगा लेकिन गौतम गंभीर अलग ही योजना बना कर बैठे थे। उन्होंने लगातार अक्षर को नंबर 5 पर उतारा और इसका फायदा भी टीम इंडिया को मिला। उन्होंने कई मैचों में अहम योगदान दिया। पूरे टूर्नामेंट में बाएं हाथ के ऑलराउंडर खिलाड़ी ने बल्लेबाजी में 109 रन बनाए, जिसमें एक 42 रन की पारी भी शामिल रही।
2. केएल राहुल पर लगातार भरोसा दिखाना
चैंपियंस ट्रॉफी 2025 की शुरुआत से पहले ही गौतम गंभीर ने इस बात के स्पष्ट संकेत दे दिए थे कि टूर्नामेंट में कौन विकेटकीपर-बल्लेबाज के रूप में पहली पसंद होने वाला है। इंग्लैंड के खिलाफ वनडे सीरीज में ऋषभ पंत को ना खिलाकर राहुल को मौका दिया गया और यह सिलसिला चैंपियंस ट्रॉफी में भी जारी रहा। शुरुआत के कुछ मैचों में राहुल का प्रदर्शन उम्मीद के मुताबिक नहीं रहा लेकिन गौतम ने उन्हें सपोर्ट किया और इसका फायदा भी मिला। कर्नाटक के बल्लेबाज ने सेमीफाइनल में नाबाद 42 और फाइनल में नाबाद 34 रन बनाकर भारत की खिताबी जीत में अहम रोल अदा किया।
1. वरुण चक्रवर्ती को मौका देना
मिस्ट्री स्पिनर वरुण चक्रवर्ती को गौतम गंभीर ने केकेआर में काफी करीब से देखा है और उन्होंने चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के ठीक पहले वरुण को वनडे स्क्वाड में जगह दी। वहीं बाद में यशस्वी जायसवाल के स्थान पर वरुण को आईसीसी टूर्नामेंट के स्क्वाड में मौका मिला। शुरूआती दो मैचों में वरुण बाहर बैठे रहे लेकिन फिर उन्हें न्यूजीलैंड के खिलाफ ग्रुप स्टेज के अंतिम मैच में खिलाया गया। इस मौके का वरुण ने पूरा फायदा उठाया और 5 विकेट हॉल लिया। इसके बाद वरुण ने सेमीफाइनल और फाइनल में कुल मिलाकर 4 विकेट झटके। उन्होंने पूरे टूर्नामेंट में खेले 3 मैचों में 9 विकेट झटके और 4.53 की इकॉनमी से रन खर्च किए। यह एक बहुत ही जबरदस्त मास्टरस्ट्रोक गौतम गंभीर का रहा।