इंडियन प्रीमियर लीग में लगभग हर साल रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर का मजाक उड़ाया जाता है और उसके पीछे का कारण उनका लगातार फ्लॉप होना है। टीम में एक से बढ़कर एक दिग्गज खिलाड़ियों की मौजूदगी के बावजूद टीम का प्रदर्शन लगातार निराशाजनक रहा है।
भारतीय कप्तान विराट कोहली की अगुवाई में खेलने वाले बैंगलोर के पास एबी डीविलियर्स जैसा दिग्गज बल्लेबाज है तो वहीं उनके पास अन्य कई दिग्गज खिलाड़ी भी रहे हैं। टीम में युवा खिलाड़ियों की भी भरमार रही है, फिर भी आईपीएल की शुरुआत से लेकर अब तक बैंगलोर खिताब जीतने में सफल नहीं हो सकी है।
एक बार फिर जब टीमें आईपीएल के बारे में प्लानिंग शुरु कर चुकी हैं तो एक नजर डालते हैं उन 3 चीजों पर जिन्हें करके बैंगलोर अपना खिताबी सूखा खत्म कर सकती है।
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#1 टी-20 के स्पेशलिस्ट गेंदबाजों को लाया जाए
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टूर्नामेंट की शुरुआत से ही डेथ ओवर्स में गेंदबाजी बैंगलोर के लिए काफी बड़ा सिरदर्द रही है, लेकिन अब तक वे इसका हल नहीं निकाल सके हैं। कई मौकों पर देखा गया है कि बैंगलोर के खिलाफ अन्य टीमों ने 190-200 के स्कोर का आसानी के साथ पीछा कर लिया है।
मोहम्मद सिराज की स्पीड टीम के काम नहीं आ सकी तो वहीं उमेश यादव और टिम साउथी जैसे दिग्गज गेंदबाज भी रन नहीं रोक सके। फिलहाल टीम में नवदीप सैनी और युजवेंद्र चहल को छोड़कर कोई भी बढ़िया टी-20 स्पेशलिस्ट गेंदबाज नहीं है और अब टीम मैनेजमेंट को इस पर गंभीरता के साथ विचार करना होगा।
टीम को कुछ बढ़िया तेज गेंदबाज खरीदने होंगे या फिर कोई 1 ऐसा स्पिनर लाना होगा जो चहल के साथ मिलकर विपक्षी टीम पर दबाव बना सके।
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#2 एक प्लेइंग इलेवन के साथ चिपके रहना होगा
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आईपीएल खिताब जीतने की लालसा में बैंगलोर टीम मैनेजमेंट को कुछ खिलाड़ियों को सिलेक्ट करना चाहिए और फिर उनकी क्षमता के अनुसार प्रदर्शन कराना चाहिए बजाय इसके कि लगातार टीम में बदलाव किया जाए। पिछले सीजन बैंगलोर ने अक्षदीप नाथ, शिवम दूबे, गुरकीरत मान और प्रयास राय बर्मन जैसे घरेलू क्रिकेटर्स को महंगे दामों में खरीदा था, लेकिन उन्हें उचित मौके नहीं दिए गए।
विराट कोहली को महेन्द्र सिंह धोनी से प्रेरणा लेनी चाहिए जो अपने खिलाड़ियों को लगातार सपोर्ट देते रहते हैं और कुछ खराब प्रदर्शन के बाद उन्हें टीम से बाहर नहीं करते हैं। खिलाड़ियों को लगातार टीम से अंदर-बाहर किए जाने से उनका आत्मविश्वास कम होता है।
बैंगलोर को सीजन की शुरुआत से ही एक प्लेइंग इलेवन सिलेक्ट करनी होगी और फिर उसमें बेहद कम बदलाव के साथ लगातार खेलते रहना होगा तब जाकर उन्हें मनचाहा रिजल्ट प्राप्त हो सकता है।
#3 सुधारना होगा फील्डिंग का स्तर
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क्रिकेट में एक कहावत है कि कैच ही आपको मैच जिताते हैं। आईपीएल में काफी कम अंतर वाले मुकाबले होते हैं तो एक गलती आपको मैच से बाहर कर सकती है। अहम मौकों पर गिराया कैच ज़्यादातर मौकों पर गेम की दिशा बदल देता है। पिछले सीजन बैंगलोर की फील्डिंग सबसे ज़्यादा खराब रही थी और वे सबसे ज़्यादा कैच गिराने वाली टीम रहे थे।
पिछले सीजन बैंगलोर ने 20 संभावित मौकों को गंवाया था और फिर आउटफील्ड में भी उनका प्रदर्शन बेहद खराब रहा था जिसके कारण ही पिछले सीजन उनका प्रदर्शन बेहद साधारण रहा था। फील्ड में गलती करने के मामले में बैंगलोर ने सबसे ज़्यादा 43 बार गलतियां की। 2020 सीजन से पहले बैंगलोर को अपनी फील्डिंग में सुधार करना होगा ताकि एक बार फिर वे अपने खराब प्रदर्शन को दोहरा नहीं सके।