चेतेश्वर पुजारा (Cheteshwar Pujara) की बल्लेबाजी पिछले कुछ समय से चर्चा का विषय बनी हुई है। भारतीय नंबर-3 बल्लेबाज के रन बनाने की गति को लेकर काफी बातचीत हुई, जिसमें कई लोगों का कहना है कि पुजारा की सोच के कारण उनके जोड़ीदारों पर दबाव बनता है और विरोधी टीम को लय मिल जाती है।
वेस्टइंडीज (West Indies cricket team) के पूर्व महान बल्लेबाज ब्रायन लारा (Brian Lara) ने भी धीमी बल्लेबाजी के लिए पुजारा की आलोचना की है।
टेस्ट क्रिकेट में चेतेश्वर पुजारा के स्ट्राइक रेट के बारे में बातचीत करते हुए महान बल्लेबाज लारा ने कहा, 'पुजारा का बतौर बल्लेबाज मैं काफी सम्मान करता हूं। मैं उनके समान खिलाड़ी नहीं था। धैर्य रखने की क्षमता और इतने कम स्ट्राइक रेट से रन बनाना।'
लारा ने आगे कहा, 'अगर मैं कोच होता या फिर कोई भी होता तो चाहता कि पुजारा सुधार करें। मैं कोशिश करता हूं कि कई शॉट्स खेले और ऐसे स्ट्राइक रेट से रन बनाऊं, जिससे उन्हें और टीम दोनों को फायदा मिलता।'
भारत की ऑस्ट्रेलिया में ऐतिहासिक टेस्ट सीरीज के बाद पुजारा ने कहा था, 'स्ट्राइक रेट की बातें ओवररेटेड हैं। ऐसा समय रहा जब गेंदों का सामना करना रन बनाने से ज्यादा मायने रखता था।'
पुजारा की पारी से गेंदबाजों को हावी होने का मौका मिलता है: लारा
ब्रायन लारा का मानना है कि पुजारा की सोच से भारत को पहले फायदा मिला और यही वजह रही कि क्यों वह विराट कोहली की टीम की बल्लेबाजी के प्रमुख खिलाड़ी बने रहे।
लारा ने कहा, 'उन्होंने अपना काम किया और मुझे पता है कि उन्होंने अपनी जिम्मेदारी निभाई, लेकिन मेरा मानना है कि जब आप इतनी धीमी बल्लेबाजी करते हैं, तो आपकी पारी में कई बार लय खो जाती है और आप गेंदबाजों को अनुमति देते हैं कि वह आप पर चढ़कर खेले। आप शतक बनाने से पहले कई बार ऐसा करने से चूक जाते हैं।'
बता दें कि चेतेश्वर पुजारा ने इंग्लैंड के खिलाफ लॉर्ड्स में खेले गए दूसरे टेस्ट की दूसरी पारी में 45 रन बनाकर फॉर्म में लौटने के संकेत दिए थे, लेकिन बुधवार से हेडिंग्ले में शुरू हुए तीसरे टेस्ट की पहली पारी में वह एक बार फिर फ्लॉप रहे। भारत की पहली पारी में वह केवल 1 रन बनाकर आउट हुए।