मुंबई टेस्ट (IND vs NZ) में शानदार शतकीय पारी खेलने वाले मयंक अग्रवाल (Mayank Agarwal) की स्पिन गेंदबाजों के खिलाफ बल्लेबाजी को लेकर बड़ी प्रतिक्रिया आई है। भारत के पूर्व बल्लेबाजी कोच संजय बांगर ने कहा कि मयंक ने जिस आक्रामकता के साथ बल्लेबाजी की, उस तरह की बल्लेबाजी वीरेंदर सहवाग (Virender Sehwag) के बाद किसी ने नहीं की थी।
न्यूजीलैंड के खिलाफ दूसरे टेस्ट के पहले दिन मयंक अग्रवाल ने भारतीय टीम के लिए एक छोर पर खड़े रहकर जबरदस्त बल्लेबाजी की और भारतीय सरजमीं पर एक और शतक जड़ दिया। दिन का खेल समाप्त होने तक 246 गेंदों में 120 रन बनाकर नाबाद थे। अपनी इस पारी में उन्होंने 14 चौके और 4 छक्के लगाए। उनकी पारी ने टीम इंडिया को पहले दिन स्टंप्स द्वारा 221/4 के स्कोर तक पहुंचाने में मदद की।
स्टार स्पोर्ट्स पर चर्चा के दौरान मयंक अग्रवाल की बल्लेबाजी की सराहना करते हुए, संजय बांगर ने स्पिन के खिलाफ उनके खेल की तुलना वीरेंद्र सहवाग से की। बांगर ने कहा,
मेरी राय में, मयंक अग्रवाल टेस्ट क्रिकेट में भारत के लिए वीरेंद्र सहवाग के बाद से स्पिन के खिलाफ सबसे आक्रामक बल्लेबाज हैं। हर कोई कहता है कि वह बाहर निकलता है और हवाई शॉट अच्छी तरह से खेलता है और सीधी बाउंड्री को निशाना बनाता है।
भारत के पूर्व बल्लेबाजी कोच ने इस बात पर प्रकाश डाला कि डाउन द ग्राउंड बड़े शॉट मयंक अग्रवाल की खूबी हैं, उन्होंने छोटी लेंथ की गेंदों पर भी शानदार खेल दिखाया। उन्होंने आगे कहा,
लेकिन इस पारी में एक खास बात देखने को मिली और वो भी अतिरिक्त उछाल की वजह से, कि उन्होंने बैकफुट पर इतने शॉट खेले। जब गेंद लेंथ से थोड़ी पीछे थी तब उन्होंने बहुत अच्छे पुल शॉट खेले।
आकाश चोपड़ा ने भी मयंक अग्रवाल की सराहना की
आकाश चोपड़ा से भी मयंक अग्रवाल की पारी के सर्वश्रेष्ठ पहलू के बारे में पूछा गया। इसके जवाब में उन्होंने कहा,
शुरुआत सबसे कठिन है, हालांकि उन्होंने स्पिन को सबसे ज्यादा हिट किया है। एक बात यह है कि आप जानते हैं कि आपकी जगह पर दबाव है और शुरुआत में स्विंग और उछाल है, मूवमेंट है और आपके मन में संदेह भी है और इससे बाहर निकलने के लिए अच्छा खेलना आवश्यक था।
आकाश चोपड़ा ने समझाते हुए कहा कि मयंक कीवी स्पिन गेंदबाजों के खिलाफ अच्छा करने में इसलिए सफल हो पाए क्योंकि उन्होंने तेज गेंदबाजों के खिलाफ शुरुआत में सर्वाइव किया। उन्होंने कहा,
उन्होंने बहुत सारी गेंदें छोड़ी, शरीर के करीब भी खेले और इसी वजह से वह ऐसी स्थिति में आने में सक्षम हो गए, जहां से वह स्पिन पर हावी हो सके। लेकिन अगर आप ओपनर हैं और पेस के खिलाफ अच्छा नहीं खेलते तो स्पिन की कहानी नहीं आती, यह पिछले मैच में देखने को नहीं मिला था।
दूसरे टेस्ट से पहले मयंक अग्रवाल की जगह पर सवाल उठ रहे थे और कई पूर्व खिलाड़ी उन्हें ड्रॉप करने की बात कह रहे थे। हालांकि इस खिलाड़ी ने खुद पर दिखाए गए भरोसे को पूरी तरह सही साबित किया।