India vs Australia Melbourne test pitch report: भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच मेलबर्न में होने वाले बॉक्सिंग-डे टेस्ट में पिच कैसी होगी यह हर कोई जानना चाहता है। मुकाबला अभी तीन दिन दूर है, लेकिन मेलबर्न के पिच क्यूरेटर ने पहली बार पिच को लेकर अपना बयान दिया है। उन्होंने बताया है कि बॉक्सिंग-डे टेस्ट में विकेट कैसा हो सकता है। भारतीय टीम प्रबंधन यह पता करने की भी कोशिश में है कि इस पिच पर स्पिनर्स को कितनी मदद मिलने वाली है। हालांकि, पिच क्यूरेटर ने जो बताया है उसे सुनकर भारतीय टीम प्रबंधन और उनके फैंस को निराशा ही हाथ लगने वाली है।
मेलबर्न में नहीं मिलेगी स्पिनर्स को मदद- पिच क्यूरेटर
मेलबर्न के पिच क्यूरेटर मैट पेज पत्रकारों के सामने आए और उन्होंने पिच से संबंधित सभी सवालों के जवाब दिए। इस दौरान उनसे स्पिनर्स को मदद मिलने की संभावना के बारे में पूछा। पेज ने तुरंत ही स्पिनर्स को मिलने वाली किसी भी मदद से इंकार कर दिया।
उन्होंने कहा, "स्पिनर्स? यहां पिच अधिक टूटती नहीं है और गेंद भी स्पिन नहीं होती। अगर पिछले चार या पांच साल में टेस्ट मैच देखें तो स्पिनर्स के मुकाबले पिच सीमर्स की मददगार रही है। मुझे नहीं लगता कि इसमें कोई बदलाव होने वाला है। गेंद की वजह से हमने अपनी पिच से कोई छेड़छाड़ नहीं की है।"
पिच पर देखने को मिलेगी घास
मेलबर्न की पिच पर भले ही तेज गेंदबाजों की मदद के लिए घास छोड़ी जाती है, लेकिन फिर भी बल्लेबाजी बहुत कठिन नहीं होगी। एक बार गेंद पुरानी और मुलायम हो जाने के बाद बल्लेबाजी करना आसान रहेगा। हालांकि, नई गेंद से तेज गेंदबाजों को मदद मिलेगी और शुरुआती ओवर के स्पेल मुश्किल होंगे।
पेज ने बताया, "हम मैच में गेंदबाजों को मौका देने की कोशिश करने के साथ ही बल्लेबाजों को भी मौका देना चाहते हैं, लेकिन इसके लिए उन्हें अच्छा खेलना होगा। हमने घास की ऊंचाई और नमी के साथ प्रयोग किए और इसे पूरी तरह सेट होने में तीन साल का समय लगा। पिछले दो-तीन सालों में हम निरंतरता के साथ एक ही चीज दे रहे हैं। हम पिच पर थोड़ी अधिक घास छोड़ रहे हैं जिससे रोमांचक मुकाबले देखने को मिलें।"