England vs India Test Series 2025: भारत की युवा टीम शुभमन गिल की कप्तानी में इंग्लैंड के मौजूदा दौरे पर पहुंची है। जिस तरह से कहा जा रहा था कि यह टीम बुरी तरह फ्लॉप साबित होगी लेकिन उम्मीदों के विपरीत खेलते हुए टीम ने अंग्रेजों को खूब छकाया है। मगर शायद मेजबानों को यह बात हजम नहीं हो रही है। इसी कारण लगातार अंग्रेज अलग-अलग पैंतरे आजमाते नजर आ रहे हैं।जब खेल के जरिए इंग्लैंड के खिलाड़ी और टीम के लोग भारतीय युवाओं को नहीं दबा पा रहे हैं तो अलग-अलग पैंतरों से गेम स्पिरिट का हवाला देते हुए ज्ञान देने की कोशिश कर रहे हैं। एक तरफ भारतीय खिलाड़ी खेल के जरिए मेजबानों को काफी पाठ पढ़ा रहे हैं तो वहीं अंग्रेज अपने अनोखे व्यवहार और अलग थलग प्रोपेगेंडा से भारतीय टीम को पाठ पढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं। इसका ताजा वाकिया हुआ ओवल में हेड कोच गौतम गंभीर और पिच क्यूरेटर के बीच तीखी बहस का।क्या यह है इंग्लैंड की Game Spirit?अगर इस वाकिये से पहले थोड़ा सा पीछे जाते हैं मैनचेस्टर टेस्ट के आखिरी दिन कुछ आखिरी लम्हों में, तो इंग्लैंड की टीम के कप्तान बेन स्टोक्स उम्मीद कर रहे थे कि वॉशिंगटन सुंदर और रवींद्र जडेजा 15 ओवर पहले ही हाथ मिलाकर मैच ड्रॉ करवा लें। मगर जब नहीं माने दोनों तो स्टोक्स कहने लगे कि पर्सनल माइलस्टोन यानी शतक पूरा करने के लिए ऐसा कर रहे। इतना ही नहीं उन्होंने यह भी जडेजा से कह दिया कि अब वो ब्रूक के सामने शतक बनाएंगे। जरादुस्साहस तो देखिए इंग्लिश कप्तान का कि आप जब खुद विकेट नहीं ले पाए और जीता हुआ मैच ड्रॉ हो गया तो आप झुंझलाहट में भारत के जांबाजों पर ही ठीकरा फोड़ने लगे। इसे कहते हैं गेम स्पिरिट? इंग्लैंड की गेम स्पिरिट तब कहां थी जब लंगड़ाते हुए खेलने आए ऋषभ पंत के टूटे पैर को उनके ही कप्तान निशाना बना रहे थे। इतना ही नहीं लॉर्ड्स में भी उनकी उंगली की चोट को ही निशाना बनाया जा रहा था।फिर लॉर्ड्स टेस्ट में चोट का बहाना करने वाले जैक क्राउली के पैंतरे को कैसे भूल सकते हैं। वहीं जडेजा को जब हैरी ब्रूक और बेन डकेट कह रहे थे कि वो इस टेस्ट टीम में रहना ही डिजर्व नहीं करते उस वक्त कहां थे इंग्लैंड के गेम स्पिरिट दिखाने वाले लोग। शायद अब समझ आ गया होगा जब उन्हीं जडेजा ने उनकी नाक के नीचे से जीता हुआ मैच निकालकर ड्रॉ करवाया और शतक लगाया।क्या अंग्रेजों के साथ भारत में होता है ऐसा व्यवहार?हमारे भारत में अतिथि देवो भवः की संस्कृति को बहुत ही गंभीरता से लिया जाता है। हमारे यहां तो कोई भी विदेशी कप्तान या उसके खिलाड़ी आते हैं तो वो पिच के पास जाके पूरी तरह से मैच से पहले उसका जायजा ले सकते हैं। मगर भारत के सपोर्ट स्टाफ को तो पिच क्यूरेटर केनिंगटन ओवल में ऐसा करने से भी रोकने लगते हैं। सलाम हमारे कोच गौतम गंभीर को जो इसके प्रति आवाज उठाकर उस क्यूरेटर ली फोर्टिस को उसके काम के बारे में बेहद सटीक तरीके से समझाते हैं।यह हैं अंग्रेज जो हमें उनकी धरती पर अपने हक का शतक भी बनाने पर ज्ञान देते हैं। यह अंग्रेज हैं जो हमारे सपोर्ट स्टाफ और खिलाड़ियों को पिच से 2.5 मीटर दूर रहने की हिदायत देते हैं। जबकि इसी क्यूरेटर के साथ ब्रैंडन मैकुल्लम की पिच के ऊपर खड़े होने की एक तस्वीर सामने आई है। यह अंग्रेज हैं जो हमारे घायल खिलाड़ी के टूटे पैर और इंजर्ड उंगली पर मारने की लगातार कोशिश करते हैं।बाद में फिर यह अंग्रेज हमें ही गेम स्पिरिट का पाठ पढ़ाते हैं। ऐसा व्यवहार हमारे घर पर तो जब यह अंग्रेज आते हैं तब नहीं किया जाता। मगर इस दौरे से बहुत कुछ सीखने को मिला है। बिल्कुल टीम इंडिया और बीसीसीआई को इस व्यवहार को याद रखते हुए अच्छे से अगली बार अंग्रेजों के भारत दौरे का इंतजार करना चाहिए।