Incidents when fans attacked Indian players in Pakistan: पाकिस्तान चैंपियंस ट्रॉफी 2025 की तैयारियां कर रहा है, लेकिन भारतीय टीम हिस्सा लेने के लिए वहां जाएगी या नहीं, अभी तक फैसला नहीं हुआ है। भारत और पाकिस्तान के बीच पिछले कई साल से रिश्ते अच्छे नहीं हैं। ऐसे में इस मामले पर आखिरी फैसला केंद्र सरकार पर निर्भर करेगा। जिसके चलते भारतीय टीम ने 2008 के बाद से पाकिस्तान का दौरा ही नहीं किया है। वहीं, पहले कई मौकों पर पाकिस्तान में भारतीय खिलाड़ियों की सुरक्षा में बड़ी चूक भी देखी जा चुकी है। ऐसे में बीसीसीआई भी कोई जोखिम लेने के मूड में नहीं है। जब पाकिस्तान में भारतीय खिलाड़ियों पर हुए हमलेपाकिस्तान दौरे पर भारतीय क्रिकेटरों पर पहला हमला साल 1989-90 में हुआ था। इस दौरे पर किसी धार्मिक संगठन से जुड़े शख्स ने क्रिस श्रीकांत को मुक्का मारा था। संजय मांजरेकर ने भी अपनी किताब में इस घटना का जिक्र किया है और बताया कि इस हमले के दौरान पाकिस्तानी समर्थक ने श्रीकांत की जर्सी भी फाड़ दी थी। चौंकानी वाली बात ये थी कि एक ही मुकाबले में श्रीकांत के अलावा मोहम्मद अजहरुद्दीन को भी निशाना बनाया गया था। उस दौरे पर टीम इंडिया के मैनेजर के तौर पर काम करने वाले चंदू बोर्डे ने खुलासा किया था कि अजहरुद्दीन को तो लोहे की चीज से मारा गया। हालांकि उन्हें गंभीर चोट नहीं आई थी। सचिन-गांगुली को भी नहीं छोड़ा View this post on Instagram Instagram Post1997 के पाकिस्तान दौरे पर भी भारतीय खिलाड़ियों का ऐसी घटना का सामना करना पड़ा था। तब वनडे सीरीज के दौरान टीम इंडिया के 4 खिलाड़ियों पर पत्थर फेंके गए थे। ये 4 खिलाड़ी सौरव गांगुली, नीलेश कुलकर्णी, अबे कुरुविला और देबाशीष मोहंती थे। इस दौरे पर सचिन तेंदुलकर टीम के कप्तान थे और उन्होंने इस घटना के बाद सुरक्षा का हवाला देकर फील्ड पर उतरने से ही इनकार कर दिया था। इसके बाद 2006 में पाकिस्तानी फैंस ने सचिन तेंदुलकर को ही अपना निशाना बना लिया था। इस दौरे पर कराची टेस्ट के दौरान पाकिस्तानी समर्थकों ने पत्थर से सचिन तेंदुलकर पर हमले किए थे।इरफान पठान-अगरकर भी बने शिकार2006 में पाकिस्तान के दौरे पर इरफान पठान को भी ऐसी ही घटना का सामना करना पड़ा था। उन्होंने खुद बताया था कि दौरे के दौरान जब वह एक मैच में मिड विकेट पर फील्डिंग कर रहे थे तो किसी ने उन पर मेटैलिक चीज से अटैक किया था। इस घटना के बाद भी कुछ देर के लिए मैच रोकना पड़ा था और उन्होंने अंपायर से भी इसकी शिकायत की थी। पठान के ऊपर हुए हमले के बाद अगले ही मैच में अजीत अगरकर पर किसी छोटी चीज से अटैक किया गया था। उस समय वह थर्ड मैन पर फील्डिंग कर रहे थे। तब भी खेल को रोकना पड़ा था।