आईपीएल 2019: कोलकाता नाइटराइडर्स के खिलाफ सनराइजर्स हैदराबाद की हार के 3 मुख्य कारण 

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दो बार की विजेता टीम कोलकाता नाइटराइडर्स ने आईपीएल 2019 की शानदार शुरुआत की और 2016 की विजेता टीम सनराइजर्स हैदराबाद को 6 विकेट से हराकर रोमांचक जीत दर्ज की। उनके लिए आंद्रे रसेल, नीतीश राणा और रॉबिन उथप्पा ने अहम योगदान दिया।

सनराइजर्स हैदराबाद के लिए डेविड वॉर्नर ने एक साल बाद वापसी की और तूफानी पारी खेलकर अपने आप को एक बार फिर साबित भी किया। हालांकि उनके सबसे मजबूत पक्ष ने उन्हें आज काफी निराश किया, जोकि उनकी हार का अहम कारण भी रहा।

आइए नजर डालते हैं सनराइजर्स हैदराबाद की हार के 3 अहम कारणों पर:

#) आंद्रे रसेल की तूफानी बल्लेबाजी

कोलकाता की टीम एक समय मुश्किल स्थिति में उस वक्त आंद्रे रसेल ने तूफानी पारी खेलते हुए अपनी टीम को जीत दिलाई। रसेल ने 19 गेंदों में 4 छक्के और 4 चौकों की मदद से नाबाद 49 रन बनाए। उन्होंने हैदराबाद के दो सफल गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार और सिद्धार्थ कौल के खिलाफ बड़े शॉट लगाए।

उन्हें इस बीच शुभमन गिल का अच्छा साथ मिला, जिन्होंने नाबाद रहते हुए 10 गेंदों में 18 रन बनाए। दोनों के बीच 5वें विकेट के लिए 65 रनों की धुआंधार साझेदारी निभाकर टीम को दो गेंद शेष रहते जीत दिला दी।

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#) सनराइजर्स हैदराबाद का शुरुआत का फायदा नहीं उठा पाना

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सनराइजर्स हैदराबाद को डेविड वॉर्नर और जॉनी बैर्स्टो ने शानदार शुरुआत दिलाई। दोनों ने पहले विकेट के लिए 12.5 ओवरों में 118 रन जोड़े। वॉर्नर ने जहां 83 रन बनाए, तो बैर्स्टो 39 रन बनाकर आउट हुए। यहां से हैदराबाद को 200 का स्कोर पार करना चाहिए था।

विजय शंकर ने जरूर नाबाद रहते हुए 40 रन बनाए, लेकिन अंतिम ओवरों में कोलकाता नाइटराइडर्स के गेंदबाजों के ऊपर दबाव नहीं बना पाए और अच्छी शुरुआत के बाद भी कम स्कोर ही बना पाई। अंत में सनराइजर्स ने 10-20 रन और बनाए होते, तो मैच का नतीजा का कुछ और हो सकता था।

#) सनराइजर्स हैदराबाद का छठे गेंदबाज का उपयोग नहीं करना

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वैसे तो सनराइजर्स हैदराबाद की ताकत उनकी गेंदबाजी है, लेकिन आज उनके गेंदबाजों थोड़ा निराश किया। दिग्गज गेंदबाज शाकिब अल हसन काफी महंगे साबित हुए और पहले तीन ओवरों में 28 रन दे दिए थे, लेकिन फिर भी कप्तान ने आखिरी ओवर उनको ही दिया।

भुवनेश्वर कुमार के पास काफी विकल्प थे कि वो उनका स्पेल पहले खत्म करा सकते थे। विजय शंकर, यूसुफ पठान और दीपक हूडा से बीच के ओवरों में कुछ ओवर कराए जा सकते थे। हालांकि कप्तान ने नियमित गेंदबाजों पर ही विश्वास दिखाया, जोकि अंत में टीम के ऊपर भारी पड़ा।

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