राजस्थान रॉयल्स के सलामी बल्लेबाज जोस बटलर किंग्स XI पंजाब के कप्तान रविचंद्रन अश्विन के हाथों मांकड़िंग का शिकार हुए। मांकड़िंग के जरिए विवादित तरीके से आउट होने के बाद ही मामले को लेकर हल्ला शुरू हो गया, जो बहुत आगे तक चला गया। पहले अश्विन और बटलर आपस में भिड़ गए। उसके बाद धीरे-धीरे करके कई पूर्व खिलाड़ी और आईपीएल चेयरमैन इस विवाद में कूदने लगे। हालांकि, कई लोग अश्विन के खिलाफ हैं तो कई उनके समर्थन में भी। आखिरी इस पर क्यों इतना हल्ला हो रहा है। इसकी तस्वीर साफ करने के लिए मेलबर्न क्रिकेट क्लब (एमसीसी) ने अपनी वेबसाइट पर एक बयान जारी किया है, जिसमें इस नियम के बारे में जानकारी दी है।
एमसीसी ने कहा कि घटना को लेकर नियमों के शब्दों को समझने के लिए इसे विस्तार से जानना जरूरी है। यह जरूरी नियम है। इसके बिना नॉन स्ट्राइकर एंड पर खड़े बल्लेबाज को निकलने की आजादी मिल जाएगी। इसको रोकने के लिए एक नियम है। 41.16 नियम के अंदर इसको विस्तार से बताया गया है। इसके तहत अगर बल्लेबाज नॉन स्ट्राइकर एंड पर है, क्रीज छोड़ चुका है और गेंदबाज एक्शन ले चुका है तो वह रन आउट कर सकता है। ऐसे में उस गेंद को नहीं गिना जाएगा। अगर इस दौरान गेंदबाज बल्लेबाज को रन आउट नहीं कर पाता है तो अंपायर तुरंत गेंद को डेड घोषित करने की ओर इशारा कर देगा।
अगर नॉन स्ट्राइकर एंड से बल्लेबाज क्रीज से आगे निकल रहा है और उसे रोकने की गेंदबाज कोशिश करता है तो इसमें विवाद किस बात का है। यह नियम में कभी नहीं रहा है कि गैर स्ट्राइकर एंड पर खड़े बल्लेबाज को गेंदबाज चेतावनी देगा। ऐसा करना क्रिकेट की आत्मा के खिलाफ है क्योंकि बल्लेबाज फायदा पाने के लिए ऐसा कर रहा है और गेंदबाज इसके बचाव में क्या कुछ नहीं करेगा। हालांकि, अश्विन की घटना इस बात पर निर्भर करती है कि गेंदबाज ने गेंद फेंकने में बटलर को आउट करने के लिए देरी की, ताकि वह क्रीज से बाहर निकल जाएं। यदि ऐसा हुआ है तो गलत है। मगर अश्विन इस मामले से इनकार कर रहे हैं। इस मामले में थर्ड अंपायर को यह निर्णय लेना था कि अश्विन ने गेंद फेंकने के लिए हाथ घुमाया था कि नहीं।
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