आईपीएल 2019 इंडियन प्रीमियर लीग का 12 वां संस्करण 23 मार्च को सीएसके और आरसीबी के बीच रोमांचक मैच से शुरू हो गया। इस मैच में धोनी की अगुवाई वाली सुपरकिंग्स ने बैंगलोर को 7 विकेट से हरा दिया। लेकिन जीत और हार खेल का एक हिस्सा है, मैदान पर एक खिलाड़ी का चरित्र दूसरों के लिए एक उदाहरण बन सकता है।
खेल भावना को बढ़ावा देने के इस मामले में अच्छा करने वाली टीम को प्रत्येक सीज़न के अंत में फेयर प्ले अवार्ड से सम्मानित किया जाता है। विजेता का फैसला अंपायरों द्वारा आवंटित उन अंकों के आधार पर किया जाता है जो उन्हें हर मैच में मिलते। विपक्षी टीम के साथ अच्छे तालमेल, नियमों का पालन करने के साथ-साथ अंपायरों के फैसले का सम्मान करना जैसे मानदंडों के आधार पर यह अंक मिलते हैं। सीएसके ने बारह सत्रों में छह बार फेयर प्ले अवार्ड जीता है। 2018 में, मुंबई इंडियंस ने यह पुरस्कार जीता था।
तो आइये आईपीएल इतिहास में ऐसी चार घटनायों के बारे में जाने जब क्रिकेटरों ने अपनी खेल भावना से सबका दिल जीत लिया।
#4. जब डेविड वॉर्नर ने रन लेते हुए गेंदबाज को पकड़ाया उसका जूता
यह घटना सनराइज़र्स हैदराबाद और गुजरात लायंस के बीच आईपीएल सीज़न 2017 के दूसरे मैच के दौरान हुई थी। टॉस जीतने के बाद हैदराबाद ने गुजरात को पहले बल्लेबाजी करने का न्यौता दिया।
राशिद खान और भुवनेश्वर कुमार की बेहतरीन गेंदबाज़ी की बदौलत लायंस ने निर्धारित 20 ओवरों में सिर्फ 135 रन बनाए। इसके बाद वॉर्नर और शिखर धवन बल्लेबाज़ी करने उतरे लेकिन धवन के जल्दी आउट हो जाने के बाद सारा दारोमदार मोइसेस हेनरिक्स और डेविड वॉर्नर की जोड़ी पर आ गया। दोनों ने काफी अच्छी साझेदारी की और अपनी टीम को जीत की राह पर डाला।
यह मैच का दसवां ओवर था जब मोइसिस हेनरिक्स ने बासिल थम्पी की एक गेंद पर रन लेने का प्रयास किया।लेकिन गेंद को रोकने के प्रयास में थम्पी का जूता निकल गया।
वॉर्नर, जो नॉन-स्ट्राइकर एंड पर खड़े थे, रन लेते हुए एक पल के लिए रुके, जूता गेंदबाज़ को थमाया और फिर रन पूरा किया। वार्नर को क्रीज़ के बीचो-बीच ऐसा करता देखकर हेनरिक्स एक पल के लिए स्तब्ध रह गए थे।लेकिन वॉर्नर की ऐसी खेल भावना एक मिसाल बन गई।
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