दिग्गज तेज गेंदबाज जयदेव उनादकट (Jaydev Unadkat) ने श्रीलंका दौेरे के लिए खुद को भारतीय टीम (Indian Cricket Team) में शामिल नहीं किए जाने को लेकर बड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि इस बात को लेकर उन्हें कोई दुख नहीं है। वो इसे भूलकर अपने करियर में आगे बढ़ेंगे।
जयदेव उनादकट ने एक प्रेरणादायक मैसेज दिया
अपने ट्विटर पर प्रतिक्रिया देते हुए जयदेव उनादकट ने बताया कि किस तरह से उन्हें क्रिकेट खेलने की प्रेरणा मिली थी। उन्होंने कहा,
जब मैं बच्चा था तभी से क्रिकेटर बनने का सपना देखने लगा था। सभी दिग्गज क्रिकेटरों को देखकर मैं काफी प्रेरित हुआ था। इतने सालों तक मुझे खेलने का अनुभव प्राप्त हुआ है। ये दिग्गज खिलाड़ी कभी हार नहीं मानते थे और इसी चीज को मैंने भी अपने अंदर लागू किया। जब मैं यंग था तो लोग मुझे अच्छा गेंदबाज नहीं मानते थे लेकिन धीरे-धीरे लोगों की सोच बदली क्योंकि मैं बदला। इस गेम ने मुझे काफी कुछ दिया है और मैं ये बिल्कुल भी नहीं सोचूंगा कि मुझे मौका क्यों नहीं मिला या फिर मेरा टाइम कब आएगा। मुझे पहले मौका मिल चुका है और आगे भी मिलता रहेगा।
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आपको बता दें कि जयदेव उनादकट ने अपनी कप्तानी में सौराष्ट्र को रणजी ट्रॉफी का टाइटल दिलाया था। उनादकट उस सीजन सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज थे। उन्होंने 10 मैचों में 13.23 की औसत के साथ 67 विकेट चटकाए थे। हालांकि इसके बावजूद इंडियन टीम में उनका चयन नहीं हुआ। वहीं इससे पहले सौराष्ट्र टीम के कोच रहे करसन घावरी ने खुलासा किया था कि उनादकट को उनकी उम्र की वजह से टीम में नहीं चुना गया था।
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