KL Rahul on his batting position in Adelaide test: भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी सीरीज शुरू हो चुकी है और इसका दूसरा टेस्ट एडिलेड में खेला जाना है जो कि 6 दिसंबर से शुरू होगा। पर्थ में खेले गए पहले मैच में भारतीय टीम ने शानदार जीत हासिल की थी और ऑस्ट्रेलिया को 295 रनों से हराया था। पहले मैच में रोहित शर्मा मौजूद नहीं थे, इसी वजह से उनकी गैरमौजूदगी में केएल राहुल को ओपनिंग का मौका मिला था और उन्होंने काफी अच्छा प्रदर्शन भी किया। इसी वजह से चर्चा हो रही है कि राहुल को ओपनिंग में ही रखा जाए और रोहित को अपनी बल्लेबाजी क्रम में बदलाव करना चाहिए। वहीं, जब खुद राहुल से उनके बल्लेबाजी क्रम के बारे में पूछा गया तो उन्होंने मजेदार जवाब दिया।
राहुल को न्यूजीलैंड के खिलाफ सीरीज के बीच ही खराब फॉर्म के कारण प्लेइंग 11 से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था लेकिन ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पर्थ में रोहित शर्मा का ना होना उनके लिए फायदे का सौदा साबित हुआ। राहुल पहली पारी में बड़ा स्कोर नहीं बना पाए लेकिन उन्होंने नई गेंद का अच्छे से सामना किया, वहीं दूसरी पारी में शानदार अर्धशतक जड़ा। उन्होंने प्राइम मिनिस्टर 11 के खिलाफ भी नई गेंद के सामने अच्छी बल्लेबाजी की और आउट नहीं हुए। दूसरी तरफ रोहित का हालिया फॉर्म खराब रहा है और वह वार्म-अप में भी फ्लॉप साबित हुए।
अपने बल्लेबाजी क्रम को लेकर केएल राहुल ने दिया मजेदार जवाब
बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में भारत की तरफ से केएल राहुल आए। इस दौरान उनसे पूछा गया कि क्या उन्हें बता दिया गया है कि वो एडिलेड में किस क्रम पर बल्लेबाजी करेंगे। इसको लेकर राहुल ने कहा:
"आप जानते हो, मुझे बता दिया गया है लेकिन मुझे ये भी बताया गया है कि मैं इसे आज शेयर ना करूं। इसलिए आपको यह जानने के लिए एक दिन का इंतजार करना पड़ेगा या फिर जब कप्तान कल आएं।"
राहुल ने आगे यह भी कहा कि वह किसी भी क्रम में खेलने को तैयार हैं, क्योंकि मुख्य लक्ष्य प्लेइंग 11 में रहना है। उन्होंने कहा:
"मैं सिर्फ अंतिम एकादश में रहना चाहता हूं, मैदान पर जाकर बल्लेबाजी करना चाहता हूं और टीम के लिए खेलना चाहता हूं। मैं वहां जाता हूं और कोशिश करता हूं कि किसी विशेष हालात में रन बनाने के लिये मुझे क्या करना है। सौभाग्य से मैंने विभिन्न पोजीशन पर बल्लेबाजी की। शुरुआत में जब मुझे विभिन्न पोजीशन पर बल्लेबाजी करने के लिए कहा गया तो मानसिक तौर पर यह थोड़ी चुनौती थी। उन पहली 20-25 गेंदों को कैसे खेलें? मैं कितनी जल्दी अटैक कर सकता हूं? पहले ये चीजें समस्या थीं, लेकिन विभिन्न प्रारूपों में खेलने के अनुभव के साथ यह आसान हो गया है।"