इंग्लैंड (England Cricket team) के पूर्व कप्तान माइकल एथर्टन (Michael Atherton) ने ध्यान दिलाया कि पिछले दशक में आर्थिक रूप से सबसे ज्यादा नुकसान झेलने वाले देशों में पाकिस्तान (Pakistan Cricket team) भी शामिल है। 1992 विश्व कप चैंपियन पाकिस्तान यूएई से दूरी बना चुका है और अपने घर में क्रिकेट खेलने के लिए संघर्षरत है।
अंदरूनी मामलों में धांधली, सिंध क्षेत्र के खिलाड़ियों को छोड़ने से लेकर चयनकर्ताओं और कोचिंग स्टाफ के बीच संचार की कमी तक है। उन्हें भी गंभीर वित्तीय नुकसान हुआ है। ये नुकसान मुख्य रूप से भारत के खिलाफ द्विपक्षीय क्रिकेट की कमी के कारण उठा है, जो पिछले दशकों में एक नियमित उदाहरण था।
द टाइम्स में लिखे अपने कॉलम में एथर्टन ने लिखा, 'भारत के खिलाफ द्विपक्षीय सीरीज में खेलने की अक्षमता के कारण पाकिस्तान को पिछले दशक में करोड़ों का नुकसान हुआ। यही नहीं, करीब एक दशक तक यूएई में रहने से आर्थिक और मनोवैज्ञानिक पूंजी की महत्वपूर्ण मात्रा में खर्च हुआ।'
भारत और पाकिस्तान ने 2012 में आखिरी द्विपक्षीय सीरीज खेली थी। चिर-प्रतिद्वंद्वी ने भारत में तीन वनडे और दो टी20 इंटरनेशनल मैच खेले थे। इसके बाद से सीमा और राजनीतिक तनाव के चलते दोनों देशों के बीच क्रिकेट मुकाबले आईसीसी इवेंट तक सिमटकर रह गए।
भारत और पाकिस्तान के बीच आगामी टी20 विश्व कप में 24 अक्टूबर को दुबई में मुकाबला खेला जाएगा।
पाकिस्तान ने सबसे ज्यादा घर के बाहर मैच खेले: एथर्टन
एथर्टन ने ध्यान दिया कि कोविड-19 ब्रेक के बाद जब क्रिकेट दोबारा शुरू हुआ तो पाकिस्तान ने सबसे ज्यादा विदेशी दौरे किए। इस बीच इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों के पास दौरे से हटने की सुविधा रही या वह सीमित समय तक किसी दौरे पर गए।
एथर्टन ने कहा, 'महामारी शुरू होने के बाद जब इंग्लैंड ने दक्षिण अफ्रीका, बांग्लादेश और पाकिस्तान दौरों से नाम वापस लिया और ऑस्ट्रेलिया ने घर के बाहर कोई टेस्ट नहीं खेला, तब पाकिस्तान ने विदेशी दौरे किए। याद दिला दें कि इन दिनों मेहमानों को दौरे की फीस का भुगतान नहीं किया जा रहा है। पाकिस्तान ने सबसे ज्यादा विदेशों में मैच खेले।'
पिछले 12-15 महीनों में पाकिस्तान ने वेस्टइंडीज, दक्षिण अफ्रीका, न्यूजीलैंड और इंग्लैंड (दो बार) के दौरे किए। यह मामला खराब हुआ जब न्यूजीलैंड और इंग्लैंड के खिलाफ घरेलू सीरीज का आयोजन नहीं हो सका।