Michale Clarke backs Gautam Gambhir aggresive approach for BGT: भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच जब भी बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी का आयोजना होना होता है, तब काफी बयानबाजी देखने को मिलती है। इस बार भी कुछ ऐसा ही देखने को मिल रहा है। इन दोनों टीम के बीच बीजीटी के लिए पांच मैचों की टेस्ट सीरीज खेली जानी है, जिसकी शुरुआत 22 नवंबर से पर्थ में हो रही है। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच कई बार खिलाड़ियों के बीच काफी आक्रामकता देखने को मिली है लेकिन पिछले कुछ समय से ऐसा कम हुआ है।
हालांकि, भारत के नए हेड कोच गौतम गंभीर के आने से आक्रामकता को लेकर फिर चर्चा शुरू हो गई है, क्योंकि गंभीर ने हाल ही में रिकी पोंटिंग पर एक बयान को लेकर निशाना साधा था। उनकी इसको लेकर काफी आलोचना भी हुई लेकिन ऑस्ट्रेलिया के ही पूर्व कप्तान माइकल क्लार्क ने गंभीर का समर्थन किया है और आक्रामक होने को सही ठहराया है।
पोंटिंग को लेकर गंभीर ने क्या कहा था?
दरअसल, रिकी पोंटिंग ने हाल ही में कहा था कि विराट कोहली पिछले कुछ साल में ज्यादा शतक नहीं बना पाए हैं और अपनी फॉर्म को लेकर जरूर चिंता में होंगे। वहीं जब गौतम गंभीर से ऑस्ट्रेलिया रवाना होने से पहले हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने साफतौर पर कहा कि पोंटिंग का हमसे क्या लेना-देना। इसके बाद से ही सोशल मीडिया पर काफी चर्चा होने लगी थी और गंभीर को आलोचना का भी सामना करना पड़ा था।
माइकल क्लार्क ने आक्रामकता को बताया जरूरी
ईएसपीएन क्रिकइंफो से बात करते हुए माइकल क्लार्क ने गौतम गंभीर के दृष्टिकोण की प्रशंसा की और इसका श्रेय भारत की बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी की हालिया सफलताओं को दिया। उन्होंने कहा कि पिछली दो सीरीज में भारत की जीत के लिए इस तरह का रवैया महत्वपूर्ण था और उम्मीद जताई कि ऑस्ट्रेलिया कड़ी प्रतिद्वंद्विता को फिर से शुरू करने के लिए इसी तरह का दृष्टिकोण अपनाएगा। उन्होंने कहा:
"मुझे लगता है कि इन दिनों यह कठिन हो जाता है क्योंकि आप विपक्षी खिलाड़ियों के साथ खेलने में अधिक समय बिताते हैं। मुझे लगता है कि जब मैं आईपीएल से पहले या उससे पहले खेला था, तो यह बहुत आसान था, आप एक-दूसरे को ज्यादा देख सकते थे, क्योंकि आप एक ही टीम में नहीं थे। मुझे लगता है कि यही कारण है कि भारत को पिछले दो समय में ऑस्ट्रेलिया में सफलता मिली है। मुझे लगता है कि सभी खिलाड़ियों की ओर से यह पूरी तरह साफ है कि जब वे यहां आएंगे तो मैदान पर कोई दोस्त नहीं है। मैदान के बाहर, ठीक है, लेकिन मैदान पर, आप अपने देश के लिए खेल रहे हैं। आप एक ही आईपीएल टीम में नहीं खेल रहे हैं।"
क्लार्क ने अपनी बात को आगे जारी रखते हुए कहा:
"मुझे लगता है कि ऑस्ट्रेलिया का भी यही रवैया होगा, आप जानते हैं। यह वह नहीं है जो आप कहते हैं। यह छींटाकशी के बारे में नहीं है, लेकिन यह वही है जो आप करते हैं। यह आपका इरादा है, यह आपका दृष्टिकोण है। आवश्यकता पड़ने पर अपने साथियों का समर्थन करना है। इसलिए मुझे आश्चर्य होगा अगर ऑस्ट्रेलिया उसी स्थिति में ना हो। और मुझे लगता है कि यह एक शानदार सीरीज बनाने में मदद करेगा। मुझे लगता है कि यह मैदान पर प्रतिस्पर्धी होगी और आप देखेंगे कि ऑस्ट्रेलिया जीतना चाहता है और भारत भी।"