दिग्गज ऑलराउंडर रविंद्र जडेजा (Ravindra Jadeja) को ए प्लस कॉन्ट्रैक्ट में शामिल नहीं किए जाने को लेकर पूर्व चयनकर्ता एमएसके प्रसाद ने सवाल उठाए हैं। एमएसके प्रसाद ने कहा कि उन्हें समझ नहीं आया कि जडेजा को ए प्लस ग्रेड में क्यों नहीं रखा गया।
बीसीसीआई ने हाल ही में सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट लिस्ट जारी की है। ग्रेड ए प्लस में तीन खिलाड़ी रखे गए हैं। वहीं ग्रेड ए में दस खिलाड़ी शामिल हैं। ग्रेड बी में पांच नाम शामिल हैं और ग्रेड सी में दस खिलाड़ी शामिल है। टॉप ग्रेड के लिए 7 करोड़ और ग्रेड ए के लिए 5 करोड़ रूपये सालाना मिलते हैं। ग्रेड बी के लिए 3 करोड़ और ग्रेड सी के लिए 1 करोड़ रूपये सालाना मिलते हैं।
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ए प्लस कैटेगरी में केवल तीन प्लेयर्स को शामिल किया गया है। ये तीन खिलाड़ी विराट कोहली, रोहित शर्मा और जसप्रीत बुमराह हैं। जडेजा को इस ग्रेड में जगह नहीं मिली है। ए कैटेगरी की अगर बात करें तो उसमें हार्दिक पांड्या, रविचंद्रन अश्विन, रविन्द्र जडेजा, चेतेश्वर पुजारा, अजिंक्य रहाणे, शिखर धवन, केएल राहुल, मोहम्मद शमी, इशांत शर्मा और ऋषभ पन्त जैसे खिलाड़ी शामिल हैं।
एमएसके प्रसाद के मुताबिक रविंद्र जडेजा को ए प्लस कैटेगरी में जगह मिलनी चाहिए थी
क्रिकबज्ज पर बातचीत के दौरान एमएसके प्रसाद ने कहा कि रविंद्र जडेजा ए प्लस कैटेगरी में जगह पाने के हकदार थे। उन्होंने कहा "जडेजा निश्चित तौर पर ए प्लस कैंडिडेट हैं। जो खिलाड़ी तीनों आईसीसी फॉर्मेट में खेलते हैं और उनकी रैंकिंग भी अच्छी रहती है उन्हें ए प्लस कैटेगरी में जगह दी जाती है। मुझे कोई कारण समझ नहीं आता है कि जडेजा को इससे क्यों बाहर किया गया।
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