इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स (Ben Stokes) ने एशेज सीरीज (Ashes 2023) के दूसरे टेस्ट मैच शुरू होने से पहले हुए प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि, उन्हें इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट में भेदभाव के बारे में सुनकर गहरा दुख हुआ है, जो मंगलवार को प्रकाशित एक रिपोर्ट द्वारा उजागर हुए थे।
दरअसल, इस मामले में इंडिपेंडेंट कमीशन फॉर इक्विटी इन क्रिकेट (ICEC) ने दो साल की जांच के बाद अपने निष्कर्ष दिए थे और पाया था कि इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट में नस्लवाद, लिंगवाद, वर्गवाद और अभिजात्यवाद व्यापक रूप से फैला हुआ था।
इंग्लैंड क्रिकेट में भेदभाव की ख़बर सुनकर बेन स्टोक्स ने क्या कहा?
आईसीईसी ने 44 सिफारिशें की हैं, जिसमें यह भी शामिल है कि इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ECB) को अपनी विफलताओं के लिए बिना शर्त सार्वजनिक माफी मांगनी चाहिए।
बीबीसी स्पोर्ट के हवाले से आईसीईसी अध्यक्ष सिंडी बट्स ने लिखा,
"यह एक कठोर वास्तविकता है कि क्रिकेट 'हर किसी के लिए खेल' नहीं है और यह बिल्कुल जरूरी है कि उस महत्वाकांक्षा को हासिल करने के लिए आवश्यक काम तुरंत शुरू होना चाहिए। इसमें कोई संदेह नहीं है, अब इसके लिए (इंग्लैंड क्रिकेट) अच्छे नेतृत्व की आवश्यकता है। मुझे पूरी उम्मीद है कि इस रिपोर्ट में हमने जो सिफारिशें की हैं, उन्हें ईसीबी और नेतृत्व पदों पर बैठे अन्य सभी लोगों द्वारा अपनाया जाएगा और आगे बढ़ाया जाएगा।"
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एशेज 2023 के लॉर्ड्स टेस्ट मैच से पहले बेन स्टोक्स ने इस मामले पर कहा कि,
"यह स्पष्ट है कि खेल में करने के लिए बहुत कुछ है। भेदभाव के डर के बिना खेल का आनंद लेना चाहिए। उन्हें इस खेल के उन लोगों का अनुभव सुनकर काफी दुख हुआ, जिन्होंने खुद को अवांछित महसूस किया और खेल से सभी मोर्चों पर विविधता का जश्न मनाने का आग्रह किया। मुझे ऐसे लोगों का अनुभव सुनकर गहरा दुख हुआ है।"
इंग्लैंड के टेस्ट कप्तान ने आगे कहा कि,
"क्रिकेट को सभी मोर्चों पर विविधता का जश्न मनाने की जरूरत है, क्योंकि विविधता के बिना यह खेल वैसा नहीं रहेगा जैसा आज है। यहां हर किसी से पास बताने के लिए एक अलग कहानी है। मैं न्यूजीलैंड में पैदा हुआ बेन स्टोक्स हूं, एक राज्य शिक्षित छात्र जिसने 16 साल की उम्र में पीई में जीसीएसई के साथ स्कूल छोड़ दिया था, और इसलिए अब मुझे इस भाषण में भी स्पेलिंग और व्याकरण ठीक करने में मदद की जरूरत है।"