ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान मार्क टेलर (Mark Taylor) ने एजबेस्टन टेस्ट के दौरान पहली पारी में जल्दी पारी घोषित करने वाले बेन स्टोक्स (Ben Stokes) के फैसले का बचाव किया और कहा कि वह एक शानदार फैसला था। एजबेस्टन टेस्ट मैच के पहले दिन इंग्लैंड ने 393/8 रन बनाकर अपनी पारी को घोषित किया था।
इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स ने जब यह फैसला लिया तब दिन का खेल खत्म होने में सिर्फ आधा घंटा बचा था और जो रूट (Joe Root) शतकीय पारी खेलकर बल्लेबाजी कर रहे थे। ऐसे में पारी घोषित करने का फैसला लेकर स्टोक्स ने सभी को चौंका दिया था और कई क्रिकेट एक्सपर्ट्स ने इस फैसले की आलोचना भी की थी। हालांकि, पूर्व ऑस्ट्रेलियाई कप्तान मार्क टेलर इस फैसले का समर्थन कर रहे हैं।
मार्क टेलर ने किया बेन स्टोक्स के फैसले का समर्थन
इंडियन एक्सप्रेस के हवाले से मार्क टेलर द टाइम्स के लिए माइकल एथरटन से बात कर रहे थे। उन्होंने कहा कि,
"यह एक शानदार निर्णय था और यह बिना सोचे-समझे लिया गया निर्णय था। उस फैसले ने डेविड वार्नर और उस्मान ख्वाजा के बीच घबराहट पैदा कर दी, ऐसा लग रहा था कि उन्होंने कभी एक साथ ओपनिंग नहीं की है।"
उन्होंने कहा कि,
"ऐसी परिस्थिति में 99% कप्तान पहली पारी में 400 रन बनाएंगे, इसलिए स्टोक्स ने सोचा कि ‘मैं वार्नर और ख्वाजा को 25 मिनट तक दबाव में रख सकता हूं।’ मेरे लिए यह कोई बड़ी बात नहीं है। मुझे लगा कि यह एक शानदार घोषणा थी। उन्होंने अंतिम 25 मिनटों में कोई विकेट नहीं लिया, लेकिन क्या आपने उस रात वार्नर और ख्वाजा को विकेटों के बीच दौड़ते हुए देखा था? वो घबराए हुए थे। उन्होंने अंडर-14 के बाद से एक साथ क्रिकेट खेला है, लेकिन ऐसे दौड़ रहे थे जैसे उन्होंने पहले कभी एक साथ बल्लेबाजी नहीं की हो।"
मार्क ने आगे कहा कि,
"उनकी उम्र कुछ 36-वर्षीय होगी, एक ने 100 से अधिक टेस्ट खेले हैं, एक ने लगभग 70 टेस्ट खेले हैं, और वे ऐसे दौड़ रहे हैं जैसे उन्होंने पहले कभी नहीं खेला हो। यह सब उस घोषणा के कारण हुआ था।"
आक्रमक टीम के कप्तान बेन स्टोक्स के आक्रमक फैसले ने ऑस्ट्रेलियाई टीम को सोचने पर मजबूर तो जरूर किया था, लेकिन अंत में ऑस्ट्रेलियाई टीम ने बाजी मारी और मैच अपने नाम कर लिया। अब देखना होगा कि बेन स्टोक्स लॉर्ड्स में कितने अचंभित फैसले लेते हैं।