AUS vs PAK: जूते पर जिस मैसेज के कारण मचा हंगामा, उस्मान ख्वाजा ने खुलकर रखी उसपर अपनी बात

Australia v Pakistan - Men
ऑस्ट्रेलिया के स्टार बल्लेबाज हैं उस्मान ख्वाजा

ऑस्ट्रेलिया और पाकिस्तान (Australia vs Pakistan) के बीच गुरुवार, 14 दिसंबर से तीन मैचों की टेस्ट सीरीज शुरू होने वाली है। इस सीरीज के पहले प्रैक्टिस के दौरान ऑस्ट्रेलिया के स्टार बल्लेबाज उस्मान ख्वाजा (Usman Khawja) ने फिलिस्तीन के सपोर्ट में अपने जूतों पर एक मैसेज लिखा था। इस मैसेज में 'सभी का जीवन बराबर है' (All Lives are Equal) लिखा हुआ था। ख्वाजा के इस मैसेज के बाद काफी बवाल मचा था। हालांकि आईसीसी के नियमों के अनुसार ख्वाजा इन जूतों के साथ इंटरनेशनल मैच में नहीं उतर सकते हैं। ऑस्ट्रेलिया के कप्तान पैट कमिंस ने भी यह साफ कर दिया है कि ख्वाजा इन जूतों का इस्तेमाल मैच में नहीं करेंगे। वहीं इतने बवाल के बाद ख्वाजा ने खुलकर अपनी बात सामने रखी है।

उस्मान ख्वाजा ने अपने ऑफिशियल ट्विटर अकाउंट से वीडियो शेयर करते हुए कहा कि ‘मैं ज्यादा नहीं कहूंगा क्योंकि ज्यादा कहने की जरूरत नहीं है। क्या आजादी सबके लिए नहीं है। क्या जीवन सबका बराबर नहीं है। मैं अपनी बात करूं तो मेरे लिए जाति, रंग, धर्म का फर्क नहीं पड़ता है। मेरे ये कहने से कि सबका जीवन बराबर है लोग बुरा मान जा रहे हैं और मुझे इसे हटाने के लिए कह रहे हैं। क्या यह ज्यादा बड़ी परेशानी नहीं है।’

उस्मान ख्वाजा यही नहीं रुके उन्होंने आगे कहा कि, ‘मैं कुछ लोगों की बात नहीं कर रहा हूं। मैं किसी का पक्ष नहीं ले रहा हूं। मेरे लिए हर एक इंसान की जान बराबर है। मेरे लिए ईसाई की जिंदगी बराबर है एक मुस्लिम की जिंदगी बराबर है और एक हिंदू की भी जिंदगी बराबर है। इसी तरह से यह लिस्ट बढ़ती जाती है। मैं उन लोगों के लिए एक आवाज बनना चाहता हूं जिनकी खुद की आवाजा नहीं है या दबा दी गई है। जब मैं सुनता हूं कि हजारों की संख्या में बच्चों की जान जा रही है तो मुझे अपनी दोनों बेटियों का ख्याल आता है। अगर ये इनके साथ हुआ होता।' आईसीसी ने मुझसे कहा कि मैं अपने जूते फील्ड पर नहीं पहन सकता क्योंकि यह राजनीतिक मैसेज देता है और यह गाइडलाइन्स के खिलाफ है। मैं उनकी बात नहीं मानता हूं क्योंकि यह मानवीय अधिकारों से जुड़ा हुआ मुद्दा है।’

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Edited by Rahul VBS
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