टीम इंडिया को विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल में न्यूजीलैंड के हाथों 8 विकेट की करारी शिकस्त झेलनी पड़ी। अब विराट कोहली के नेतृत्व वाली भारतीय टीम 4 अगस्त से इंग्लैंड के खिलाफ पांच मैचों की टेस्ट सीरीज में हिस्सा लेगी।
हालांकि, इस प्रतिष्ठित सीरीज से पहले बीसीसीआई अधिकारी यूके में कोविड-19 की स्थिति का आकलन कर रहे हैं क्योंकि हाल ही में मामलों में बढ़ोतरी हुई है।
यह अच्छी खबर नहीं है क्योंकि भारतीय खिलाड़ी और प्रसारण क्रू इस समय स्वतंत्र होकर घूम रहे हैं। मगर स्थिति में अगर सुधार नहीं हुआ तो बीसीसीआई कुछ पाबंदियां लगा सकता है। इस पर आखिरी फैसला लिया जाना है। अगर बीसीसीआई को महसूस हुआ कि सख्त एक्शन लेने की जरूरत नहीं, तो फिर खिलाड़ियों को आजादी मिलेगी।
बीसीसीआई के कोषाध्यक्ष अरुण धूमल ने इंसाइडस्पोर्ट से बातचीत में कहा, 'हम स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं और अगर यह खराब होती हैं तो हम उसी हिसाब से फैसला लेंगे। हमने इस पर आखिरी फैसला नहीं लिया है।'
उल्लेखनी है कि बीसीसीआई ने सभी खिलाड़ियों को वैक्सीन का पहला डोज दिला दिया है। बोर्ड की योजना थी कि दूसरा डोज पांच मैचों की टेस्ट सीरीज से पहले इंग्लैंड में लगवा दिया जाएगा। बीसीसीआई ने पुरुष और महिला दोनों को अपने परिवार के साथ यात्रा करने की अनुमति दी थी क्योंकि यूके सरकार ने लॉकडाउन पाबंदी में राहत दी थी।
भारतीय खिलाड़ियों को मिलेगा 42 दिनों का ब्रेक
विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल का समापन 23 जून को हुआ। भारतीय खिलाड़ियों को इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज की तैयारी करने का पर्याप्त समय मिलेगा। रविचंद्रन अश्विन, विराट कोहली, चेतेश्वर पुजारा और अजिंक्य रहाणे जैसे अधिकांश खिलाड़ी अपने परिवार के साथ यूके में हैं।
भारतीय खिलाड़ियों को उम्मीद होगी कि क्रिकेट एक्शन से पहले इन्हें किसी पाबंदी से नहीं गुजरना पड़े। बता दें कि यूके में कोविड-19 के मामले बढ़ रहे हैं। एक सप्ताह में यह आंकड़ा 10,000 के करीब पहुंच गया है। इंग्लैंड सरकार और बीसीसीआई स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं और जल्द ही कुछ पाबंदियां लगाई जा सकती हैं।