क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया (सीए) वेस्टइंडीज के खिलाफ आगामी सीमित ओवर सीरीज के लिए अपने दो प्रमुख खिलाड़ियों डेविड वॉर्नर और पैट कमिंस को पारिवारिक कारणों से आराम देने की योजना बना रहा है। अगर दोनों खिलाड़ियों को दौरे के लिए आराम दिया जाता है, तो हो सकता है कि वॉर्नर के आलोचकों को बढ़ावा मिल सकता है, जो कैमरून बेनक्रोफ्ट के सैंडपेपर गेट पर टिप्पणी के बाद दोबारा उजागर हो गया है।
वेस्टइंडीज के खिलाफ पांच टी20 इंटरनेशनल और तीन वनडे मैचों की सीरीज के लिए वॉर्नर और कमिंस दोनों ही ऑस्ट्रेलिया के 23 सदस्यीय प्रीलीमिनरी स्क्वाड का हिस्सा हैं। हालांकि, सीए ने कहा कि इन दोनों को इसलिए आराम देने के बारे में विचार किया जा रहा है ताकि दोनों कुछ समय अपने परिवार के साथ बिता सकें।
ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों को कुछ असहजता महसूस हो रही क्योंकि वॉर्नर के मैनेजर जेम्स अर्सकीन ने खुले तौर पर कहा कि सेंडपपर गेट को खराब तरह से लिया गया और अब तक सच्चाई बाहर आ गई है। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि अर्सकीन ने वॉर्नर की तरफ से यह बयान कहा है या नहीं। इससे पहले उन्होंने संकेत दिए कि वॉर्नर संन्यास लेने के बाद एक किताब लिखेंगे, जिसमें सैंडपेपर कांड से जुड़े कई सवालों के राज खोलेंगे।
गेंदबाजों ने दी सफाई
इससे पहले बेनक्रोफ्ट ने एक इंटरव्यू में कहा था कि केपटाउन टेस्ट में शामिल चारों गेंदबाजों को जानकारी थी कि गेंद के साथ छेड़छाड़ हो रही है। बेनक्रोफ्ट के इस बयान के बाद क्रिकेट जगत में दोबारा यह मामला चर्चा का विषय बन चुका है। केपटाउन टेस्ट में ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों ने संयुक्त बयान जारी करते हुए खुद को बेगुनाह करार दिया है। उन्होंने पूर्व क्रिकेटरों और पत्रकारों पर भड़ास भी निकाली।
इससे पहले क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया की अखंडता इकाई ने बेनक्रोफ्ट से प्रेस में उनके बयान को लेकर संपर्क किया। क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के अंतरिम सीईओ निक हॉकले ने कहा कि बेनक्रोफ्ट की तरफ से और कोई जानकारी सामने नहीं आई। उन्होंने कहा, 'हमें कैमरून बेनक्रोफ्ट से इस बात की पुष्टि मिली कि उनके पास शुरूआती जांच के अलावा कोई और जानकारी नहीं है और उनके इस पुष्टिकरण का धन्यवाद अदा करते हैं।'
ध्यान दिला दें कि मार्च 2018 में बेनक्रोफ्ट ने सैंडपेपर का उपयोग करके गेंद की स्थिति बदलने की कोशिश की थी। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ केपटाउन टेस्ट में उनकी ये हरकत कैमरे में कैद हो गई थी। इस घटना को बाद में 'सैंडपेपर गेट' नाम दिया गया और इसे ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट इतिहास में सबसे खराब पलों में से एक माना जाता है।