एशेज सीरीज में छोटी बाउंड्री के इस्तेमाल होने पर भड़के पूर्व ऑस्ट्रेलियाई कप्तान, बताया बकवास विचार

Middlesex v Kent - LV= Insurance County Championship
ऑस्ट्रेलियाई मैदान के मुकाबले इंग्लैंड के मैदान की सीमाऐं छोटी मानी जाती है

पूर्व ऑस्ट्रेलिया के कप्तान माइकल क्लार्क (Michael Clarke) का मानना है कि इंग्लैंड की छोटी बाउंड्री सीमाओं की इस्तेमाल करने की योजना ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों को किसी भी तरह से नहीं रोकेगी। गत सप्ताह द टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, मेजबान इंग्लैंड (England Cricket Team) टीम आगामी एशेज (Ashes) सीरीज में ऑस्ट्रेलियाई टीम (Australia Cricket Team) को भ्रमित करने और अपनी आक्रामक शैली का अधिकतम इस्तेमाल करने के लिए बाउंड्री रोप को मैदान के और अंदर खिंचकर खेलने का विचार बना रही है।

ऑस्ट्रेलिया ने 2021-22 की सबसे हालिया एशेज सीरीज में 4-0 की जीत हासिल की थी, जबकि इंग्लैंड में खेली गई अंतिम एशेज सीरीज रोमांचकारी तरीके से 2-2 से ड्रॉ हुई थी। कप्तान बेन स्टोक्स और कोच ब्रेंडन मैकलम के नेतृत्व में लगभग एक साल से खेलते हुए इंग्लैंड ने केवल दो टेस्ट मैच हारे हैं और उन्होंने इस दौरान न्यूजीलैंड, भारत, दक्षिण अफ्रीका और पाकिस्तान के खिलाफ जबरदस्त जीत हासिल की है।

बाउंड्री छोटी करने का कोई प्रभाव नहीं होगा - माइकल क्लार्क

स्काई स्पोर्ट्स रेडियो के बिग स्पोर्ट्स ब्रेकफास्ट से बात करते हुए इस वर्ल्ड कप विजेता कप्तान ने कहा कि बाउंड्री छोटी करने का ऑस्ट्रेलियाई टीम पर कोई असर नहीं होगा। क्लार्क ने कहा,

यह तो बिल्कुल बकवास बात है। ऑस्ट्रेलियाई मैदान इंग्लैंड के मैदानों से दोगुना हैं। इसलिए ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों के तरफ से कम छक्के लगते हैं। एमसीजी में बल्लेबाजी करते हुए आपके पास 90 मीटर की सीमाएं होती हैं, जबकि इंग्लैंड में आपके पास 60 मीटर की सीमाएं होती हैं। किसे फर्क पड़ता है? दोनों टीमों को बल्लेबाजी करनी ही होगी।

बता दें कि एशेज सीरीज क्रिकेट की सबसे अधिक प्रतिक्षित सीरीजों में से एक मानी जाती है। सन् 1882 से ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच खेली जा रही ये प्रतिस्पर्धात्मक सीरीज इसी साल जून–जुलाई के महीने में इंग्लैंड की धरती पर खेली जाएगी और यह तय माना जा रहा है की दोनों टीमें इस ऐतिहासिक सीरीज को जीतना के लिए ऐड़ी–चोटी एक कर देगी। अब देखना दिलचस्प होगा की इस क्रिकेट युद्ध में कौन-सी टीम मैदान मारने में कामयाब होती है।

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Edited by Rahul
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