टीम इंडिया के पूर्व ओपनर गौतम गंभीर का मानना है कि पहला विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल निश्चित ही उत्साह भरने वाला इवेंट है, लेकिन यह 50 ओवर विश्व कप जितना महत्वपूर्ण नहीं है। पूर्व भारतीय कप्तान ने गुरुवार को कहा कि डब्ल्यूटीसी की हवा बनाई जा रही है और विश्व कप के साथ उसकी तुलना बढ़ा-चढ़ाकर पेश करने जैसी है।
अजिंक्य रहाणे, चेतेश्वर पुजारा और ईशांत शर्मा सहित कई लाल गेंद विशेषज्ञ क्रिकेटर्स कह चुके हैं कि डब्ल्यूटीसी फाइनल उनके लिए विश्व कप जैसा है। मगर गंभीर का दावा है कि जो खिलाड़ी सभी प्रारूप खेलते हैं, उन्हें ऐसा महसूस नहीं हो रहा होगा क्योंकि डब्ल्यूटीसी फाइनल हर दो साल में खेला जाएगा।
गौतम गंभीर ने आज तक से बातचीत में कहा, 'यह पहला विश्व टेस्ट चैंपियनशिप है तो आप जरूर जीतना चाहेंगे, दोनों ही टीमें इसे जीतना चाहेंगी, लेकिन विश्व कप से इसकी तुलना करना थोड़ा बढ़ा-चढ़ाकर पेश करने वाली बात है।'
उन्होंने कहा, 'यह उन खिलाड़ियों के लिए ज्यादा बढ़ा-चढ़ाकर पेश करने वाली बात है, जो सिर्फ लाल गेंद क्रिकेट खेलते हैं। जो सभी प्रारूप खेलते हैं, उनके लिए यह इतना महत्वपूर्ण नहीं होगा क्योंकि उन्हें पता है कि यह जल्द ही वापस आएगा। तो अगर यह हर दो साल में आएगा तो मुझे नहीं लगता कि इसकी इतनी हवा बनेगी।'
आईसीसी ने हाल ही में 2024-2031 तक के कार्यक्रम की घोषणा की, जिसमें 2025 से चार डब्ल्यूटीसी फाइनल खेले जाने हैं।
चार साल में कई चीजें बदल जाती हैं: गौतम गंभीर
गौतम गंभीर ने साथ ही कहा कि विश्व कप चार साल में एक बार खेला जाता है। इसका महत्व इसलिए है क्योंकि दो टूर्नामेंट के बीच में कई टीमें बदलाव के दौर से गुजरती हैं। उन्होंने विश्व कप के साथ भावनात्मक कनेक्शन पर भी प्रकाश डाला क्योंकि यह चार साल के लंबे अंतराल के बाद खेला जाता है।
गंभीर ने कहा, 'जो भी टीम अच्छा खेलेगी, वो निश्चित ही जीतेगी। मगर आप विश्व टेस्ट चैंपियनशिप की तुलना विश्व कप से नहीं कर सकते क्योंकि वर्ल्ड कप चार साल में एक बार आता है जबकि डब्ल्यूटीसी फाइनल हर दूसरे साल खेला जाएगा।'
उन्होंने आगे कहा, 'हम विश्व कप को महत्वपूर्ण इसलिए मानते हैं क्योंकि चार साल में कई चीजें बदल जाती हैं। जो एक विश्व कप में खेलते हैं, उन्हें चार साल बाद भी अपने प्रदर्शन का स्तर बेहतर रूप में बरकरार रखना पड़ता है।'
गंभीर ने कहा, 'किसी को दूसरी बार विश्व कप खेलने का मौका मिलेगा भी या नहीं, आप कभी नहीं जान सकते तो इसका महत्व अलग है। आपने देखा होगा कि जब टीम विश्व कप से बाहर होती है, तो कई लोग बहुत भावुक हो जाते हैं।'