टीम इंडिया (India Cricket team) के हेड कोच रवि शास्त्री (Ravi Shastri) ने कुछ दिन पहले बड़ा बयान दिया था। उन्होंने विराट कोहली (Virat Kohli) के भारतीय टेस्ट कप्तानी छोड़ने पर अपनी प्रतिक्रिया दी थी। शास्त्री ने कहा कि उन्हें लगता है कि कोहली कुछ और साल कप्तानी जारी रख सकते थे, लेकिन अगर ऐसा मामला होता तो लोगों को उसकी सफलता नहीं पचती।
रवि शास्त्री की टिप्पणी ने कोहली और बीसीसीआई के बीच मतभेद को हवा दी थी, जिसकी शुरूआत दिसंबर में हुई थी जब विराट को वनडे कप्तानी से हटाया गया था।
रवि शास्त्री के बयान पर भारत के पूर्व ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। भज्जी ने कहा कि उन्हें नहीं पता कि शास्त्री ने किस बारे में अपनी यह राय दी है, लेकिन कोहली ने भारतीय टेस्ट कप्तान के रूप में जो सफलता हासिल की, उससे उन्हें और बड़ी संख्या में भारतीय फैंस को बहुत खुशी और गर्व हुआ।
हरभजन सिंह ने स्पोर्ट्स तक से कहा, 'यह बड़ा बयान है। रवि शास्त्री ने कहा कि अगर विराट कोहली अगले 15-20 टेस्ट मैच जीत जाते तो लोगों को यह पचता नहीं। भारत के सबसे सफल टेस्ट कप्तान के रूप में कोहली की विरासत मजबूत होती। मुझे नहीं पता कि किसके बारे में वो बात कर रहे थे कि किसी यह नहीं पचता, लेकिन हम भारतीयों को इस पर बहुत गर्व है। हम चाहते थे कि वो 40 मैच और जीतें और ऐसा रिकॉर्ड बनाए कि अन्य भारतीय कप्तान को इसकी बराबरी करने के लिए दो बार कप्तानी करने की जरूरत पड़ती।'
शास्त्री ने कहा था कि भारत को अगले कुछ सालों में अपने अधिकांश टेस्ट घर में खेलना है। विराट कोहली अगर कप्तानी करते तो टेस्ट कप्तान के रूप में उनका शानदार रिकॉर्ड और मजबूत होता। भारत ने घर में 31 टेस्ट खेले, जिसमें केवल दो में उसे शिकस्त मिली।
बल्लेबाजों ने रन नहीं बनाए: हरभजन सिंह
हरभजन सिंह ने शास्त्री के विश्वास पर दो महत्वपूर्ण बिंदुओं के आधार पर सवाल किए हैं - राहुल द्रविड़ के मार्गदर्शन में पिचों का उपयोग और भारतीय टॉप ऑर्डर के बल्लेबाजों का निराशाजनक प्रदर्शन। भज्जी ने कहा, 'भारत में जो मैच होने है, उसमें आप पहले से ही पता नहीं लगा सकते कि यह आपके पक्ष में होंगे। हां, आपकी कुछ बेहतरीन सीरीज हो सकती हैं, जहां आप काफी सफल हों, लेकिन आगे चलकर, कोहली वो मैच जीतते या नहीं, यह समय ही बताता। राहुल द्रविड़ के कोच रहते, मुझे नहीं लगता कि भारत उन पिचों पर खेला, जहां पहले ओवर से गेंद स्पिन होने लगती है। मुझे लगा कि ऐसी पिचों पर खेला गया, जहां बल्लेबाजों को खुद को साबित करने का मौका मिला।'
हरभजन सिंह ने आगे कहा, 'साथ ही पिछले दो तीन सालों में अगर आप भारतीय बल्लेबाजों के आंकड़ें निकालकर देखें तो पाएंगे कि उन्हें नहीं पता कि रन कैसे बनाने हैं। हमारे बल्लेबाज भूल गए हैं कि रन कैसे बनाना है। बल्लेबाजों के विश्वास में कमी दिखी क्योंकि पिछले दो-तीन साल में वो रन नहीं बना सके। और जब रन नहीं होंगे तो खिलाड़ी दबाव में आएंगे। आप घर में सीरीज जीत रहे हो, लेकिन आपके खिलाड़ी प्रगति नहीं कर रहे हैं।'