सनराइजर्स हैदराबाद के क्रिकेटर श्रीवत्स गोस्वामी ने सोशल मीडिया पर मानसिक स्वास्थ्य के विषय में अपने विचार प्रकट किए हैं। उनका पोस्ट बेन स्टोक्स की घोषणा के एक दिन बाद आया। बेन स्टोक्स ने 30 जुलाई को घोषणा की थी कि मानसिक स्वास्थ्य समस्या के कारण वह क्रिकेट से अनिश्चितकाल तक के लिए ब्रेक ले रहे हैं।
यह कई लोगों को हैरानीभरा फैसला लगा क्योंकि बेन स्टोक्स इस समय द हंड्रेड में खेल रहे हैं। स्टोक्स की घोषणा ने एक बार फिर खेल इंडस्ट्री में मानसिक स्वास्थ्य मामले पर बहस छेड़ दी है।
श्रीवत्स गोस्वामी ने इस विषय पर अपने विचार प्रकट करने में शर्म नहीं दिखाई। उन्होंने स्टोक्स और अन्य एथलीट्स का समर्थन किया, जिन्होंने अपने मानसिक लाभ के लिए ब्रेक लिया है।
यह किसी से छिपा नहीं है कि आधुनिक समय में एथलीट्स का कार्यक्रम काफी व्यस्त रहता है। इसके अलावा मौजूदा कोविड-19 स्थिति, बायो-बबल में रहना ने, उनकी जिंदगी को और मुश्किल बनाया है। तो फिर एक समय के बाद खिलाड़ियों का थक जाना असामान्य नहीं है।
स्टोक्स पहले क्रिकेटर नहीं हैं, जिन्होंने मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं के कारण ब्रेक लिया है। पिछले कुछ महीने में खिलाड़ियों के दौरे से ब्रेक लिया क्योंकि वह सख्त बायो-बबल लाइफ से परेशान हो रहे थे। ऐसी घटनाएं बढ़ी हैं। खिलाड़ियों की संबंधित ईकाई भी बिना किसी आपत्ति के उनके फैसले की कद्र करती है।
भारत में मानसिक स्वास्थ्य को गंभीरता से नहीं लिया जाता: श्रीवत्स गोस्वामी
श्रीवत्स गोस्वामी ने इस पर भी अपने विचार बताए कि भारत में इस तरह की स्थिति को गंभीरता से नहीं लिया जाता। उन्होंने कहा, 'मैं सोचता हूं कि भारत में हम से कभी कोई ऐसा बोलने की हिम्मत भी करेगा क्योंकि लोग क्या कहेंगे। सच्चाई यह है कि भारत में अब भी इस बारे में बात करने में लोगों को संकोच होता है।'
श्रीवत्स गोस्वामी ने कमेंट्स सेक्शन में अपनी बातें जारी रखी। उन्होंने कई कारण बताए कि आखिर क्यों भारतीय एथलीट्स मानसिक स्वास्थ्य के लिए ब्रेक नहीं लेते। जागरूकता नहीं होना, प्रतिस्पर्धा, निषेध, कमजोर मानना और मजाक उड़ाना, उन्होंने इस तरह के कई कारण बताए।
श्रीवत्स गोस्वामी इस समय घरेलू क्रिकेट में बंगाल और आईपीएल में सनराइजर्स हैदराबाद का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। बाएं हाथ के बल्लेबाज को आईपीएल 2021 के दूसरे सीजन में दमदार प्रदर्शन करने की उम्मीद है, जो 19 सितंबर से शुरू होगा।