आईसीसी वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल (ICC World Test Championship Final) में अब बस दो दिन का ही समय बाकी रह गया है। भारत (Indian Cricket Team) और न्यूज़ीलैंड (New Zealand Cricket Team) के बीच होने वाले इस बड़े फाइनल मुकाबले की तैयारी जोरो शोरो से चल रही है। सभी खिलाड़ियों ने अभ्यास सत्र के साथ इस अहम मुकाबले से पहले फोटोशूट में भी भाग लिया। 18 जून को जब भारतीय टीम साउथैम्प्टन के मैदान पर न्यूज़ीलैंड के खिलाफ मैदान पर उतरेगी, तो वह अपने 89 साल के टेस्ट क्रिकेट का इतिहास को बदल देगी।
यह भी पढ़ें - सचिन तेंदुलकर ने चेतेश्वर पुजारा के आलोचकों को दिया करारा जवाब, कही बड़ी बात
भारतीय टीम ने पहली बार टेस्ट मैच 1932 में खेला था। उसके 89 साल बाद टीम इंडिया पहली बार टेस्ट क्रिकेट में तटस्थ स्थल मुकाबला (Neutral Venue Match) खेलने जा रही है। टेस्ट क्रिकेट में 12 टीमों को टेस्ट खेलने का दर्जा हासिल है। बांग्लादेश क्रिकेट टीम और भारतीय टीम ने आज तक तटस्थ स्थल मुकाबले में शिरकत नहीं की है, लेकिन अब टीम इंडिया इस बड़े कीर्तिमान को भी हासिल कर लेगी। तटस्थ स्थल मुकाबलों में पाकिस्तान ने सबसे ज्यादा 39 मैच खेलें हैं, क्योंकि साल 2009 में पाकिस्तान की सरजमीं पर क्रिकेट बैन कर दिया गया था और उसके बाद पाकिस्तान ने अपने ज्यादातर मुकाबले यूएई में खेले। इस लिस्ट में दूसरे नंबर पर ऑस्ट्रेलिया ने 12 मैचों में शिरकत की है।
क्या होते हैं तटस्थ स्थल मुकाबले? (Neutral Venue Matches)
टेस्ट क्रिकेट के साथ-साथ अन्य किसी भी फॉर्मेट में जब एक टीम अपने घरेलू मैदान और विपक्षी टीम के घरेलू मैदान से हटकर किसी और देश में हो रहे मुकाबले में हिस्सा लेती है, तो उसे तटस्थ स्थल मुकाबला कहा जाता है। भारतीय टीम ने टेस्ट इतिहास में अपने घरेलू मैदानों के साथ-साथ विपक्षी टीमों के घरेलू मैदानों पर मैच खेलें है। लेकिन न्यूज़ीलैंड के खिलाफ होने वाला यह मुकाबला इंग्लैंड के साउथैम्प्टन में होने वाला है, जो दोनों टीमों का घरेलू मैदान नहीं है। इसलिए भारत पहली बार टेस्ट क्रिकेट इतिहास में तटस्थ स्थल मैच में शिरकत करेगी।
यह भी पढ़ें - केविन पीटरसन ने अपने बेटे के गेंदबाजी एक्शन को लेकर पूछा सवाल, दिग्गज वसीम अकरम ने दिया शानदार जवाब