विश्व कप विजेता कप्तान कपिल देव ने कहा कि उन्हें अजीब महसूस होता है कि आधुनिक खिलाड़ी कुछ ओवर गेंदबाजी करने के बाद थके हुए नजर आते हैं। पूर्व ऑलराउंडर ने इसकी तुलना अपने खेलने वाले दिनों से की और याद किया कैसे वह नेट्स पर सिर्फ पुछल्ले बल्लेबाजों को कई ओवर गेंदबाजी करते थे, जबकि आज के गेंदबाजों को चार ओवर ही करने होते हैं।
कपिल देव का विचार इस आधार पर आया कि हाल ही में भारतीय कप्तान विराट कोहली ने बयान दिया था कि तेज गेंदबाज ऑलराउंडर की कमी के कारण टीम का संतुलन ऐसा था।
कपिल देव ने कहा कि भारत में उनके जैसे ऑलराउंडर की कमी इसलिए है क्योंकि खिलाड़ी को शारीरिक और मानसिक प्रयास काफी लगाना होता है।
कपिल देव ने कहा, 'जब आप 10 महीने या एक साल क्रिकेट खेल लेते हो, तो चोट की संख्या बढ़ जाती है। आज का क्रिकेट काफी बेसिक है- आप या तो बल्लेबाजी करो या गेंदबाजी। हमारे समय में हमें सबकुछ करना होता था। आज का क्रिकेट थोड़ा बदल गया है।'
कपिल देव नहीं ऑलराउंडर्स से खुश
उन्होंने आगे कहा, 'कभी देखकर दुख होता है कि एक खिलाड़ी चार ओवर करने के बाद थक गया और कुछ लोग कहते हैं कि उन्हें नेट्स पर तीन-चार ओवर करने की अनुमति नहीं है। मुझे याद है कि हमारे समय में मैं नही कह सकता था कि यह सही है या गलत। हम आखिरी कुछ बल्लेबाजों को भी करीब 10 ओवर कर देते थे। अगर एक की ऐसी मानसिकता हो तो इससे मांसपेशियां में विकास होता है। आज शायद उनके लिए चार ओवर बहुत हैं, जो कि मेरा मानना है कि मेरी पीढ़ी के क्रिकेटरों के लिए थोड़ा अजीब है।'
भारत को विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल में न्यूजीलैंड के हाथों 8 विकेट की शिकस्त सहनी पड़ी। टीम इंडिया ने दो स्पिनर्स और तीन तेज गेंदबाजों को मौका दिया था जबकि कीवी टीम ने पांचों तेज गेंदबाज खिलाए थे।
हार्दिक पांड्या की कपिल देव से तुलना होती है। हालांकि, 2018 से पीठ में सर्जरी के बाद से पांड्या टेस्ट क्रिकेट से दूर हैं। टीम प्रबंधन उनके कार्यभार का ध्यान रखते हुए राष्ट्रीय टीम में आराम से ला रहा है।