मराइस इरासमस के लिए बेहद खास होगा भारत-दक्षिण अफ्रीका पहला वनडे, हासिल करेंगे बड़ी उपलब्धि

मेरास इरासमस भारत-दक्षिण अफ्रीका के बीच पहले वनडे में बड़ी उपलब्धि हासिल करेंगे
मेरास इरासमस भारत-दक्षिण अफ्रीका के बीच पहले वनडे में बड़ी उपलब्धि हासिल करेंगे

भारत (India Cricket team) और दक्षिण अफ्रीका (South Africa Cricket team) के बीच बुधवार को पार्ल में तीन मैचों की सीरीज का पहला वनडे खेला जाएगा, जो अंपायर मेरास इरासमस (Marais Erasmus) के लिए बेहद खास होगा।

इरासमस पहले वनडे में अंपायरिंग करने उतरेंगे जो उनके करियर का 100वां वनडे होगा। मेरास इरासमस 100 वनडे मैचों में अंपायरिंग करने वाले दक्षिण अफ्रीका के तीसरे अंपायर बनेंगे। इससे पहले रुडी कर्टजन और डेविड ऑचार्ड यह उपलब्धि हासिल कर सके हैं।

रुडी कर्टजन के नाम तो सबसे ज्‍यादा वनडे मैचों में अंपायरिंग करने का वर्ल्‍ड रिकॉर्ड दर्ज था, जिसे आगे चलकर पाकिस्‍तान के अलीम डार ने तोड़ा था। कर्टजन ने 1992 से 2010 के बीच 209 वनडे मैचों में अंपायरिंग की थी। डार ने यह आंकड़ा पार कर दिया और वो अब भी सक्रिय हैं। वहीं ऑचार्ड ने 1994 से 2003 के बीच 107 वनडे मैचों में अंपायरिंग की थी।

मेरास इरासमस 2007 से उच्‍च स्‍तर पर अंपायरिंग कर रहे हैं। वो अब तक 70 टेस्‍ट, 35 टी20 इंटरनेशनल मैच और 18 महिला टी20 इंटरनेशनल मैचों में अंपायरिंग कर चुके हैं। इरासमस ने कहा कि इस कीर्तिमान तक पहुंचना सुखद पल है और करियर भी अब तक शानदार रहा है।

मराइस इरासमस के हवाले से क्रिकेट साउथ अफ्रीका की वेबसाइट ने कहा, 'मैं बहुत गर्व महसूस कर रहा हूं कि इतना लंबे समय तक टिका और यह कीर्तिमान हासिल किा। इस माहौल में टिके रहना मुश्किल है क्‍योंकि हम लोग पूरे समय लोगों की नजरों में रहते हैं। तो इससे पार पाना मेरे लिए गर्व की बात है। हम सभी खेल के सेवक हैं, लेकिन जब कीर्तिमान पर पहुंचते हैं तो हमें पहचान मिलती है, जो कि अच्‍छी बात है।'

परिवार ने बहुत समझौता किया

इरासमस 100 वनडे में अंपायरिंग करने वाले दुनिया के 18वें अंपायर बने है। इरासमस जहां है, वहां पहुंचने के लिए उनके परिवार ने बहुत समझौते किए। इरासमस इस समर्थन के लिए शुक्रगुजार हैं।

इरासमस ने कहा, 'यह बहुत चुनौतीपूर्ण था। जब मैंने शुरूआत की तो काफी यात्रा करना पड़ती थी। मैं इसलिए अपनी पत्‍नी एडेल का शुक्रगुजार हूं, जिन्‍होंने अपनी नौकरी छोड़ी और मेरे दो बच्‍चों के लिए मां और पिता दोनों की जिम्‍मेदारी निभाई। मेरे परिवार वालों ने बहुत साथ दिया, विशेषकर पत्‍नी ने।'

इरासमस ने आगे कहा, 'अब कोविड समय में जहां मैं छह सप्‍ताह तक बबल में हूं, वहीं मेरी पत्‍नी क्रिस्‍मस पर अकेली थी। तो कभी मुश्किल भी होता है। मगर अंपायरिंग ने हमें कई मौके दिए हैं। हमने परिवार के रूप में दुनिया की सैर की तो यहां खराब से ज्‍यादा बेहतर चीजें हुई हैं।'

मराइस इरासमस को दुनिया के सर्वश्रेष्‍ठ अंपायरों में से एक के रूप में पहचाना जाता है। यह जानकर इरासमस खुश होते हैं, लेकिन साथ ही कहते हैं कि यह जिम्‍मेदारी से आता है। इरासमस ने कहा, 'यह सुनना बहुत अच्‍छा लगता है। मगर यह दो तरफा होता है क्‍योंकि जब आप मैदान में जाते हैं तो एक स्‍तर की इज्‍जत होती है, लेकिन उसी समय उम्‍मीदों का स्‍तर भी होता है। यह आप पर अतिरिक्‍त दबाव डालता है क्‍योंकि हम सभी को अपने प्रदर्शन पर गर्व है।'

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