इंग्लैंड क्रिकेट टीम (England Cricket Team) पिछले कुछ महीनों से एक अलग तरीके का टेस्ट क्रिकेट खेल रही है। जब से मुख्य कोच की जिम्मेदारी ब्रैंडन मैकलम (Brendon McCullum) और कप्तानी की जिम्मदारी बेन स्टोक्स (Ben Stokes) को दी गई है, तब से इंग्लैंड के बल्लेबाजों ने अपनी बेहद आक्रमक बल्लेबाजी से ना सिर्फ विपक्षी टीम पर दबाव बनाया है, बल्कि कई टेस्ट मैचों में शानदार जीत भी हासिल की है।
इंग्लैंड ने हाल ही में न्यूजीलैंड को उन्हीं की घरेलू पिच पर खेले गए एक पिंक बॉल टेस्ट में 267 रनों से मात दी है। यह इंग्लैंड की पिछले 11 टेस्ट मैचों में 10वीं जीत है, और उन्हें सिर्फ एक मैच में हार का सामना करना पड़ा है।
बैज़बॉल स्टाइल पर पूर्व सलामी बल्लेबाज मार्कस ट्रेस्कोथिक ने रखा अपना पक्ष
इंग्लैंड की टीम आजकल टेस्ट मैचों में काफी आक्रमकता के साथ बल्लेबाजी करते हैं, जिससे गेंदबाजी टीम पर दबाव बनता है और नतीजा इंग्लैंड के पक्ष में जाता है। इंग्लैंड क्रिकेट टीम ने इस तरह के खेल को "बैज़बॉल" का नाम दिया है। इस बैज़बॉल क्रिकेट के बारे में बात करते हुए इंग्लैंड के पूर्व क्रिकेटर मार्कस ट्रेस्कोथिक ने अपना पक्ष रखा है।
ट्रेस्कोथिक ने रेडियो से बात करते हुए कहा कि,
"इस पागलपन के लिए तरीका थोड़ा अलग है। यह वैसा बिल्कुल नहीं है, जैसा आप सोचते हैं। बैज़बॉल क्रिकेट में आपको बस बहुत ज्यादा आक्रमकता दिखानी होती है। इस मंत्र का एकमात्र मकसद होता है कि गेंदबाजों पर दबाव बनाने की कोशिश की जाए और गेम में आगे बढ़ने का रास्ता ढूंढा जाए।"
ट्रेस्कोथिक ने आगे कहा कि,
"इस नए स्टाइल वाले क्रिकेट की शुरुआत बैंडन के आने और टीम के नजरिए को बदलने की सोच के साथ हुई थी। इस सोच को बैंडन ने सच में लागू किया और सभी खिलाड़ियों की सोच बदल दी। कोच के बाद इंग्लैंड टेस्ट टीम को बेन स्टोक्स के रूप में एक ऐसा कप्तान मिला, जो खुद भी अपनी टीम को एक अलग तरीके का खेल खेलते हुए देखना चाहते हैं और उसी दिशा में अपनी टीम को आगे बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं।"