रविंद्र जडेजा मौजूदा समय में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सर्वश्रेष्ठ फील्डर्स में से एक हैं। भारतीय ऑलराउंडर ने कहा कि उन्हें अच्छा महसूस होता है जब मैदान में उनके प्रयासों की तारीफ होती है। जडेजा ने स्वीकार किया कि अगर वह गलती करते हैं, तो लोग उनकी आलोचना नहीं करते और साधारण तौर पर कहते हैं 'होता है'।
रविंद्र जडेजा ने अपनी ऐसी छवि मैदान में शानदार कैच पकड़ने और बेहतरीन रनआउट करके बनाई है। इसका श्रेय मैदान में उनकी फुर्ति और तेजी से गेंद के पास पहुंचने की शैली को जाता है।
जडेजा ने ध्यान दिया कि उनका कैच आसान और अन्य फील्डर्स का कैच कमाल क्यों लगता है। जडेजा ने बताया कि गेंद के करीब पहुंचने के लिए मूवमेंट के आधार पर उनका कैच आसान दिखता है जबकि अन्य फील्डर्स देर से मूव करके कैच पकड़ते हैं तो उनका कैच कमाल लगता है। उन्होंने साथ ही कहा कि उनकी शैली और तो कुछ नहीं, लेकिन अनुभव और मुस्तैदी का संयोजन है।
रविंद्र जडेजा ने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में कहा, 'मुझे पता है कि मैच की स्थिति में गेंद पर पहुंचने की मेरी शैली अच्छी है। मुझे नहीं पता कि अन्य लोग गेंद के आने पर क्या सोचते हैं, लेकिन निजी तौर पर इतने साल खेलने के कारण मुझे पता है कि विभिन्न बल्लेबाज किस तरह शॉट खेलेगा। और मैं यह नहीं कह सकता कि वो कहां खेलेगा और गेंद कहां जाएगी। मेरे पास एक सेकंड अतिरिक्त है और मैं वहां तेजी से जाता हूं।'
उन्होंने आगे कहा, 'इसलिए कई बार आप कभी मुझे देखते हैं तो लगता है कि आसान कैच पकड़ा, लेकिन मुझे पता है कि अन्य कोई फील्डर वो कैच पकड़े तो कमाल का लगेगा क्योंकि वो तेजी से गेंद के पास पहुंचने के लिए मूव नहीं करता।'
जडेजा ने आगे कहा, 'मुझे बहुत अच्छा महसूस होता है जब लोग मेरी फील्डिंग की सराहना करते हैं। उन्होंने भले ही मेरी कड़ी मेहनत नहीं देखी होगी, लेकिन उन्हें इसके बारे में पता है। जब मैं कैच छोड़ भी देता हूं तो लोग आलोचना नहीं करते बल्कि कहते हैं- 'होता है'।'
चेन्नई सुपरकिंग्स के लिए खेलते हुए रविंद्र जडेजा ने आईपीएल 2021 के पहले हाफ में 8 कैच पकड़े। आईपीएल इतिहास में जडेजा सबसे ज्यादा रनआउट करने वाले फील्डर्स में 24 शिकार के साथ शीर्ष पर हैं।
कंधे की खूब एक्सरसाइज करता हूं: रविंद्र जडेजा
यह पूछने पर अपनी क्षमता के रहस्य का खुलासा करें, तो रविंद्र जडेजा ने कहा कि यह अपने पिता के जीन और बहुत परिश्रम का संयोजन है। 32 साल के ऑलराउंडर ने दावा किया कि अगर वो ज्यादा मेहनत नहीं करते तो अब तक उनके कंधें हार मान चुके होते। जडेजा ने अपनी सफलता का श्रेय बचपन के कोच महेंद्र सिंह चौहान को दिया।
जडेजा ने कहा, 'आपको मेरे पापा से पूछना चाहिए (हंसे)। मेरे अंदर उनके जीन हैं। कुछ तो नैसर्गिक है। काफी कड़ी मेहनत की। कंधे की एक्सरसाइज, जिम, अभ्यास। यह पूरा तो नेचुरल नहीं था। मैंने अपने कंधों पर काफी काम किया, वरना अब तक वो हार मान चुके होते। 12-13 साल हो गए कि मैंने अपने कंधे संभाल रखे हैं।'
उन्होंने आगे कहा, 'मैं अच्छे से ट्रेनिंग करता हूं और पता है कि अपना ध्यान कैसे रखना है। जामनगर में मेरे कोच महेंद्र सिंह चौहान हमें कहते थे कि दौड़ों और फील्डिंग करो, इसके बाद ही बल्लेबाजी करने को मिलेगी। अपने शुरूआती चार सालों में मैंने काफी फील्डिंग की। वह कठोर दिखाई देते थे, भाव नहीं दिखाते थे, लेकिन बहुत मददगार हैं।' रविंद्र जडेजा अब विश्व टेस्ट चैंपियनशिप में क्रिकेट एक्शन में नजर आ सकते हैं।