महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर का मानना है कि विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल का फैसला रिजर्व डे के दिन शुरूआती 10-15 ओवर में ही हो गया था। भारतीय टीम ने रिजर्व डे के दिन जल्दी-जल्दी कप्तान विराट कोहली, चेतेश्वर पुजारा और अजिंक्य रहाणे के विकेट गंवा दिए थे।
तेंदुलकर का मानना है कि भारतीय टीम को न्यूजीलैंड के तगड़े गेंदबाजी आक्रमण के सामने साझेदारी की जरूरत थी, लेकिन वो ऐसा करने में सफल नहीं रही।
सचिन तेंदुलकर ने अपने यूट्यूब चैनल पर कहा, 'मैंने पहले भी कहा था कि आखिरी दिन के शुरूआती 10 ओवर बहुत महत्वपूर्ण हैं। अगर हम ड्रिंक्स तक विकेट नहीं गंवाते तो हमारे पास रनगति बढ़ाने के लिए बल्लेबाज हैं। कैसे रिषभ आया और कुछ शॉट्स खेले और अन्य भी खेले जब लगा कि मैच सुरक्षित हो गया है। न्यूजीलैंड लक्ष्य का पीछा नहीं कर सकते थे। उन्हें डिफेंड करना था, यही मानसिकता में बदलाव आ गया। मगर इसके बदले हमें एक शानदार साझेदारी की जरूरत थी।'
नियमित अंतराल में विकेट गंवाना पड़ा भारी: तेंदुलकर
बता दें कि भारतीय टीम को पहले विश्व टेस्ट चैंपियनशिप खिताब का प्रबल दावेदार माना जा रहा था, लेकिन उसे न्यूजीलैंड के हाथों 8 विकेट की शिकस्त सहनी पड़ी।
मास्टर ब्लास्टर ने कहा कि टीम इंडिया को नियमित अंतराल में विकेट गंवाना महंगा पड़ा। उन्होंने कहा, 'पहले 10-12 ओवर में विकेट नहीं गंवाना बहुत जरूरी था, लेकिन न्यूजीलैंड वहां कोहली और पुजारा के विकेट निकालने में कामयाब रहा। दोनों जल्दी आउट हुए और रहाणे के आउट होने से भारतीय टीम पर दबाव बन गया। फिर बल्लेबाजों को क्रीज पर समय बिताना जरूरी था।'
विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत दूसरी पारी में भारत के सर्वश्रेष्ठ स्कोरर थे, जिन्होंने 41 रन बनाए। तेंदुलकर ने कहा कि पंत ने लय बदलने की कोशिश की, लेकिन अन्य खिलाड़ियों के साथ वो साझेदारी नहीं बना सके।
महान बल्लेबाज ने कहा, 'ऋषभ पंत ने शॉट खेलकर लय बदलने की कोशिश जरूर की ताकि कुछ रन बन सके। मगर भारत ने विकेट गंवा दिए और पहले 10-15 ओवर में ही मैच का निर्णय निकल गया था। अगर हमारी एक अच्छी साझेदारी हो जाती तो हम न्यूजीलैंड पर दबाव बना पाते।'