पाकिस्तान के पूर्व कप्तान और स्टार ऑलराउंडर शोएब मलिक ने कहा कि मौजूदा पाकिस्तान कप्तान बाबर आजम का टीम चयन में जोर नहीं है। मलिक ने कहा कि जिम्बाब्वे के खिलाफ सीरीज के लिए बाबर आजम कई क्रिकेटरों को अपनी टीम में चाहते थे। मलिक ने वसीम बदामी से बातचीत करते हुए यह खुलासा किया। मलिक ने कहा, 'बाबर आजम अपनी टीम में इमाम उल हक, हेरिस सोहेल, आमिर और वहाब रियाज को चाहते थे, लेकिन इनमें से कोई भी जिम्बाब्वे के खिलाफ सीरीज के लिए पाक टीम का हिस्सा नहीं था। तो मुझे बाबर की सोच से लगता है कि ये खिलाड़ी उस टीम संयोजन में फिट बैठते थे।'
मलिक ने कहा कि बाबर आजम उनके छोटे भाई जैसे हैं। उन्होंने कहा कि हमने काफी किकेट साथ खेली है और वह बाबर आजम के बर्ताव को बहुत अच्छे से पहचानते हैं। उन्होंने कहा, 'तो कब वो फैसले लेगा। मुझे यह सीधे तौर पर जानना है। और मैं इस बारे में कोई बयान नहीं देना चाह रहा हूं।'
पेशावर जल्मी के ऑलराउंडर का मानना है कि कप्तान का आखिरी फैसला होना चाहिए कि टीम में कौन होगा। मलिक ने कहा, 'देखिए सलाह देने में कुछ गलत नहीं है। हर किसी के अपने विचार होते हैं, लेकिन अंतिम फैसला टीम के कप्तान का अकेले होना चाहिए क्योंकि कप्तान ही जाकर मैदान पर अपनी टीम के साथ लड़ता है।'
अलग-अलग कोच के फायदे: शोएब मलिक
39 साल के मलिक ने अपने ट्वीट का भी स्पष्टीकरण दिया कि सीमित ओवर और टेस्ट क्रिकेट में अलग-अलग कोच क्यों होने चाहिए। उन्होंने कहा, 'मैं किसी के खिलाफ नहीं हूं, लेकिन मैंने पाकिस्तान के लिए लंबे समय तक क्रिकेट खेली है। इसलिए मैं अपनी सलाह दे सकता हूं कि इस तरह मुझे लगता है कि चीजें सुधर सकती हैं। अगर आपके सफेद गेंद कोच हो, जो विदेशी हो तो हमारे लिए वह बेहतर होगा।'
मलिक ने ऐसा इसलिए कहा क्योंकि ऐसे कोच खिलाड़ियों की फिजिक को बेहतर जान पाते हैं। उन्होंने कहा, 'हमारे कोच हमेशा खिलाड़ियों का भला नहीं सोचते क्योंकि ईगो मामले होते हैं। उन्हें इसकी भी चिंता हो सकती है कि किसी खिलाड़ी का रिकॉर्ड उनके करीब या उनसे बेहतर न हो जाए (कोच के रूप में)।'