30 मार्च 2011, ये वो दिन है जब भारतीय टीम ने पाकिस्तान को हराकर 2011 वर्ल्ड कप के फाइनल में प्रवेश किया था। मोहाली में खेले गए सेमीफाइनल मुकाबले में भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 9 विकेट के नुकसान पर 260 रन बनाए थे, जवाब में पाकिस्तान की टीम 49.5 ओवर में 231 रन पर सिमट गई थी और भारत ने वो मैच जीत लिया था। सचिन तेंदुलकर ने उस मुकाबले में शानदार पारी खेली थी और उन्हें मैन ऑफ द मैच चुना गया था।
भारत ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया और सचिन तेंदुलकर और वीरेंदर सहवाग की जोड़ी ने टीम को जबरदस्त शुरुआत दी। दोनों बल्लेबाजों ने पहले विकेट के लिए 5.5 ओवर में 48 रनों की धुआंधार साझेदारी की। सहवाग ने सिर्फ 25 गेंद पर 38 रन बनाए। वहाब रियाज ने उनको आउट कर इस साझेदारी को तोड़ा। मध्यक्रम में गौतम गंभीर ने 27 रन बनाए लेकिन कोहली 9 और युवराज सिंह बिना खाता खोले आउट हो गए। हालांकि सचिन तेंदुलकर एक छोर पर टिके रहे और 85 रनों की पारी खेली। सुरेश रैना ने नाबाद 36 रन बनाए। यही वजह रही कि 205 रन तक 6 विकेट गंवाने के बावजूद भारतीय टीम 260 का सकोर बनाने में सफल रही थी।
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भारतीय गेंदबाजों ने किया था मुकाबले में बेहतरीन प्रदर्शन
वहीं लक्ष्य का पीछा करने उतरी पाकिस्तान की टीम 106 रन तकर 4 विकेट गंवा दिए और टीम दबाव में आ गई। मोहम्मद हफीज ने 43 और मिस्बाह उल हक ने 56 रनों की पारी खेली लेकिन और कोई भी बल्लेबाज बड़ी पारी नहीं खेल सका। भारत की तरफ से पांचों गेंदबाजों ने 2-2 विकेट लेकर पाकिस्तान को 231 रन पर रोक दिया। पाकिस्तानी टीम ने इस मैच में शोएब अख्तर को नहीं खिलाया था।
इस तरह से भारत ने वर्ल्ड कप में पाकिस्तान के खिलाफ 5वीं जीत दर्ज की और फाइनल में प्रवेश किया। उसके बाद भारतीय टीम श्रीलंका को हराकर चैंपियन बनी।
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