वनडे क्रिकेट के सफल कप्तान
विश्वकप 2019 में साउथ अफ्रीका के खिलाफ अपनी पहली जीत दर्ज करते ही विराट कोहली के खाते में एक रिकॉर्ड जुड़ गया। वह सबसे तेज 50 जीत दर्ज करने वाले पहले उपमहाद्वीपीय कप्तान और विश्व क्रिकेट में तीसरे कप्तान बन गए। कप्तान के रूप में उनकी जीत का प्रतिशत लगभग 74 प्रतिशत है, जो कि उनकी परिपक्वता को दर्शाता है। यही नहीं वह जरूरत के समय अपनी टीम की बल्लेबाजी की रीढ़ साबित हुए हैं और चेज करने में भी उन्हें महारथ हासिल है। उन्होंने अपनी बल्लेबाजी शैली को जिस तरह से ढाला है और एक सफल टीम का निर्माण किया, उसे देख यह नहीं कहा जा सकता कि वह एक असफल कप्तान साबित हुए हैं।
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इन मुद्दों की अनदेखी करना जरूरी
इस बार के विश्वकप के लिए जो भारतीय टीम चुनी गई थी, उसे लेकर काफी विवाद भी हुआ था और शायद अंबाती रायडू का संन्यास भी इसी की देन है। क्योंकि रायडू पर तरजीह देते हुए ही विजय शंकर को टीम में शामिल किया गया था लेकिन इसकी वजह से काफी विवाद भी हुआ। यही नहीं इसके अलावा चयनकर्ताओं ने मध्यक्रम में जिन बल्लेबाजों को चुना, वह असफल साबित हुए। फिर भी टीम ने काफी शानदार प्रदर्शन किया। वहीं अगर आने वाले विश्वकप 2023 की बात करें, तो उस समय कोहली की उम्र 34 साल होगी और उनके पास अनुभव भी काफी ज्यादा होगा। इसलिए इन गलतियों से सीख आगे की बेहतर तैयारी की जा सकती है।