ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी स्टीव स्मिथ (Steve Smith) ने कराची टेस्ट मैच में पाकिस्तान (Pakistan) के खिलाफ अहम कैच छोड़ा था। इसको लेकर स्मिथ का कहना है कि कम उछाल वाली पिचों पर करीब से गेंद को पकड़ना असली चुनौती है। कराची टेस्ट मैच को पाकिस्तान ने बचा लिया था और यह ड्रॉ के रूप में समाप्त हुआ था।
कैच लेने के मामले में स्मिथ के हाथों को सबसे सुरक्षित में से एक माना जाता है। उन्होंने 84 टेस्ट मैचों में 137 कैच अपने नाम किये हैं। अब्दुल्लाह शफीक का कैच उन्होंने चौथे दिन छोड़ा था। वह उनके लिए भारी पड़ गया। शफीक लम्बे समय तक खेलकर आउट हुए और पाकिस्तान के लिए मैच बचाने में अहम योगदान दिया। वह 96 रन बनाकर आउट हुए और बाबर आज़म के साथ मिलकर 228 रनों की भागीदारी की। यह अहम महत्वपूर्ण भागीदारी साबित हुई और पाकिस्तान ने इसकी बदौलत टेस्ट मैच भी बचा लिया।
कप्तान बाबर आज़म ने मैच बचाने वाली 196 रनों की पारी खेली, जबकि मोहम्मद रिजवान ने नाबाद 104 रन बनाए। पाकिस्तान की टीम ने लगभग दो दिनों तक बल्लेबाजी की और ऑस्ट्रेलिया के गेंदबाजों का बखूबी सामना किया। हालांकि पिच में गेंदबाजों के लिए कुछ खास नहीं था और यह एक पाटा विकेट थी।
स्टीव स्मिथ ने कैच छूटने को लेकर कहा कि मैं जीवन में इतना करीब कभी फील्ड पर खड़ा नहीं हुआ। यह वास्तविक चुनौती रही। विकेट में कोई उछाल नहीं था। इसलिए हमारी योजना का एक हिस्सा यह सुनिश्चित करना था कि गेंद अधिक से अधिक कैरी करे। इससे पहले स्टीव स्मिथ ने रावलपिंडी टेस्ट मैच की पिच को लेकर भी प्रतिक्रिया दी थी। उन्होंने इसे एक डेड विकेट बताया था।
पाकिस्तान और ऑस्ट्रेलिया के बीच अब तक खेले गए दोनों टेस्ट मैच ड्रॉ रहे हैं। रावलपिंडी टेस्ट मैच की पिच को आईसीसी ने औसत से नीचे करार दिया था।