पाकिस्तान के पूर्व गेंदबाज सकलैन मुश्ताक ने अश्विन के टीम से बाहर होने पर सवाल खड़े किए है। उन्होंने कहा कि वह इस बात को समझने में नाकाम हैं कि खुद को साबित कर चुके रविचंद्रन अश्विन जैसे खिलाड़ी को भारत के सीमित ओवरों की टीम से क्यों बाहर रखा गया है। उनका कहना है कि टेस्ट में जिस गेंदबाज को सफलता हासिल होती है वो सीमित ओवरों के क्रिकेट में भी सफल होता है। आईपीएल में नियमित रूप से खेलने वाले अश्विन को जुलाई 2017 के बाद से सीमित ओवरों की भारतीय टीम से बाहर रखा गया है। रविंद्र जडेजा के साथ भी यही स्थिति थी, लेकिन वह अपनी हरफनमौला काबिलियत से तीनों प्रारूपों में खेल रहे हैं।
पीटीआई से बात करते हुए दिग्गज ने अपनी राय खुलकर सामने रखी। उन्होंने कहा कि काबिलियत स्थाई है चाहे आप उंगली से स्पिन करते हो या आप कलाई के स्पिनर हों। आपका कौशल और खेल की स्थिति को परखने की क्षमता बहुत मायने रखती है। मुझे आश्चर्य हुआ जब अश्विन को एकदिवसीय क्रिकेट के लिए अनदेखा कर दिया गया।
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उन्होंने इस बारे में आगे कहा कि जिसे यह पता हो कि पांच दिवसीय मैच को बल्लेबाज को कैसे आउट करना है, उसके लिए सीमित ओवरों के क्रिकेट में यह आसान काम है। रन रोकने का काम कोई भी कर सकता है लेकिन जो विकेट लेना जानता है वह रनों पर अंकुश भी लगा सकता है। अश्विन को दोनों आता है। आप उसे टीम से बाहर कैसे रख सकते हैं।
सकलैन ने कहा कि हरभजन सिंह की जगह अश्विन को मौका दिया गया। अश्विन के साथ कई ऑफ स्पिनरों को आजमाया गया, लेकिन कोई भी उनके स्तर का नहीं निकला। मुझे उस समय भी आश्चर्य हुआ था जब भज्जी को टीम से बाहर किया गया था। अश्विन और भज्जी का गेंदबाजी का तरीका अलग है, दोनों एक साथ एकादश में शामिल हो सकते थे। जब दाएं हाथ के एक जैसे तेज गेंदबाज एक साथ खेल सकते हैं, तो स्पिनर क्यों नहीं?