भारतीय क्रिकेटर हार्दिक पांड्या और लोकेश राहुल के मामले में बीसीसीआई के अधिकारियों के अलग-अलग मत देखने को मिले हैं। वर्तमान कार्यकारी अध्यक्ष सी के खन्ना ने इन खिलाड़ियों के निलम्बन को हटाने का सुझाव दिया और जांच के दौरान न्यूज़ीलैण्ड दौरे में शामिल होने की बात कही।
उन्होंने कहा कि हमे दोनों निलंबित खिलाड़ियों को न्यूज़ीलैण्ड दौरे के लिए टीम में शामिल कर लेना चाहिए। इन दोनों क्रिकेटरों को विश्व कप से पहले समय की आवश्यकता है,जो जल्द ही शुरू होने वाला है। हमें इन उभरते हुए क्रिकेटरों को नैतिकता से मौका देना चाहिए।इससे पहले लोकेश राहुल और हार्दिक पांड्या को बीसीसीआई की प्रशासक समिति द्वारा निलंबित कर दिया गया था। उन्होंने ( राहुल और पांड्या ) एक टीवी शो के दौरान महिलाओं पर विवादित टिप्पणी की थी। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में अगले हफ्ते एक लोकपाल नियुक्त करने का फैसला किया है।
उन्होंने एक गलती की है, जिसके लिए उन्हें पहले ही निलंबित कर दिया गया है,और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ श्रृंखला से वापस भी बुला लिया गया। उन्होंने बिना किसी शर्त माफी भी प्रस्तुत की है। सीओए (COA) और बीसीसीआई के पदाधिकारियों के बीच बैठक के दौरान खन्ना ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि भारतीय क्रिकेट के हितों को ध्यान में रखते हुए हमें उनके कैरियर को सीमित नहीं रखना चाहिए।
सी के खन्ना ने इस मामले में बोर्ड की विशेष बैठक बुलाने से भी इंकार कर दिया है। इससे पहले कुछ राज्य इकाईयों द्वारा एक विशेष बैठक बुलाने का आग्रह किया गया था।
खन्ना ने बीसीसीआई के कोषाध्यक्ष अनिरुद्ध चौधरी को जवाब देते हुए यह लिखा कि "बीसीसीआई के संविधान के अनुसार, एक लोकपाल को वार्षिक आम बैठक (एजीएम) में नियुक्त किया जा सकता है। लेकिन मामला (लोकपाल की नियुक्ति का ) पहले से ही सुप्रीम कोर्ट के अधीन है।"
खन्ना ने बीसीसीआई के कार्यवाहक सचिव अमिताभ चौधरी की इस मामले में राय भी मांगी, जो कि खन्ना के रुख से पूर्णतः सहमत दिखे।
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