Rohit Sharma Should have played Sydney test: भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के पूर्व सलेक्टर जतिन परांजपे ने पूर्व टेस्ट खिलाड़ी रोहित शर्मा को लेकर एक हैरान करने वाला खुलासा किया है। जतिन का मानना है कि रोहित शर्मा ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सिडनी में हुए आखिरी टेस्ट से बाहर नहीं होते तो भारत बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी बराबर कर सकता था। पूर्व सलेक्टर को लगता है कि रोहित ने टेस्ट क्रिकेट के लिए जितना किया वह उससे ज्यादा कर सकते थे।एक पोडकास्ट में बातचीत के दौरान जतिन परांजपे ने रोहित शर्मा से हुए एक बातचीत को याद करते हुए बताया कि हिटमैन रेड बॉल क्रिकेट खेलने के लिए किए कितने महत्वाकांक्षी थे। उन्होंने सफेद बॉल क्रिकेट में जल्द ही अपनी जगह बना ली थी पर टेस्ट क्रिकेट खेलने में उन्हें काफी वक्त लगा। परांजपे ने कहा, मुझे याद है कि वह भारत के लिए टेस्ट क्रिकेट नहीं खेल रहे थे। और हमारी यह बातचीत हुई थी और उन्होंने कहा था कि जतिन मैंने लाल गेंद से क्रिकेट खेलना शुरू किया था। आप यह कैसे कह सकते हैं कि मुझे टेस्ट क्रिकेट में दिलचस्पी नहीं है?' मुझे संदेश मिल गया था और मुझे उम्मीद थी कि वह यही कहेंगे।सिडनी टेस्ट में रोहित ने खुद को ड्रॉप किया थाग़ौरतलब है कि रोहित ने ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ खेले गए सिडनी टेस्ट में ख़ुद को ड्रॉप किया था। इस टेस्ट में जसप्रीत बुमराह ने कप्तानी की थी। उनके इस फैसले से परांजपे को काफी हैरानी हुई थी। उन्होंने कहा, रोहित ने कहा कि वह टेस्ट क्रिकेट के लिए जीते हैं। मुझे लगता है कि रोहित शर्मा टेस्ट क्रिकेट में और बहुत कुछ कर सकते थे। मुझे लगता है कि वह खुद भी सबसे पहले यही कहेंगे। मुझे थोड़ी निराशा हुई कि उन्होंने सिडनी में खुद को बाहर करने का विकल्प चुना, क्योंकि हम सीरीज बराबर कर सकते थे।टेस्ट क्रिकेट में रोहित का रहा 40 का औसतरोहित शर्मा ने भारत के लिए 67 टेस्ट खेले और उनका औसत 40.57 रहा। सबसे लंबे फॉर्मेट में दाएं हाथ के इस बल्लेबाज का भाग्य 2019 में तब बदला जब उन्होंने ओपनिंग करनी शुरू की। 2020-2024 तक रोहित टेस्ट में भारत के सबसे लगातार प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों में से एक थे। हालांकि सितंबर 2024 से रोहित का खराब दौर शुरू हो गया और वह रन बनाने में नाकाम रहे।