इंग्लैंड के युवा ऑलराउंड खिलाड़ी सैम करन (Sam Curran) भारत के खिलाफ टेस्ट सीरीज में हिस्सा नहीं ले पाए थे और इसके पीछे उन्होंने एक बड़ी वजह बताई है। सैम करन के मुताबिक इंग्लैंड बोर्ड चाहता था कि प्लेयर्स बायो-बबल में ज्यादा ना रहें और मानसिक तौर पर रिफ्रेश रहें।
श्रीलंका दौरे के बाद सैम करन वापस इंग्लैंड लौट गए थे और भारत के खिलाफ चार मैचों की टेस्ट सीरीज में हिस्सा नहीं लिया था। जब उनसे इसका कारण पूछा गया तो उन्होंने कहा कि ये फैसला दिसंबर में ही ले लिया गया था।
दिसंबर में साउथ अफ्रीका का दौरा खत्म होने के बाद सेलेक्टर एड स्मिथ ने मेरे साथ पर्सनली बैठकर बात की। उस दौरान श्रीलंका टूर से वापस लौटने की बात हुई थी। इसलिए मुझे उसको लेकर कोई दिक्कत नहीं हुई। अगर मैं यहां चारों टेस्ट मैच में हिस्सा लेता तो फिर उसके बाद आईपीएल और फिर समर क्रिकेट होना था। इसकी वजह से शायद मुझे लगातार पांच महीने तक बायो बबल में रहना पड़ता।
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सैम करन ने बायो-बबल को लेकर दी प्रतिक्रिया
कोरोना वायरस के बाद बायो-बबल में रहने के लिए टीमें मजबूर हैं। कोविड-19 के बाद इंग्लैंड ने ही पहली बार इस चीज की शुरुआत की थी और वेस्टइंडीज सीरीज के दौरान इसे लागू किया गया था। सैम करन के मुताबिक बायो-बबल में रहना आसान काम नहीं होता है। उन्होंने कहा,
खिलाड़ियों को बाहर आना ही होता है और बायो-बबल में रहना काफी मुश्किल होता है। अभी मेरा माइंडसेट काफी अच्छा है और मैं अपने आपको रिफ्रेश महसूस कर रहा हूं। मेरे हिसाब से इस तरह के मैच खेलने के लिए आपको एक अच्छे माहौल में रहना होता है ताकि मानसिक तौर पर आप तरोताजा रहें।
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