डेविड वॉर्नर (David Warner) ऑस्ट्रेलिया (Australia) की टीम में तीनों प्रारूप में खेलते हैं और बतौर ओपनर खेलते हुए एक बड़ी भूमिका निभाते हैं। उनको लेकर पाकिस्तान के खिलाड़ी शोएब मकसूद ने बयान दिया है। मकसूद का मानना है कि डेविड वॉर्नर अगर पाकिस्तान में होते, तो उनको टेस्ट क्रिकेट के लिए टीम में शामिल नहीं किया जाता।
मकसूद ने पाकिस्तान टीम प्रबंधन की मानसिकता के बारे में एक चौंकाने वाला रहस्योद्घाटन किया, उन्होंने कहा कि पाकिस्तान क्रिकेट इतिहास में एक समय ऐसा था जब तेज स्कोर करने वाले बल्लेबाजों को खेल के सबसे शुद्ध प्रारूप के लिए योग्य नहीं माना जाता था। 34 वर्षीय शोएब ने खुलासा किया कि उनका टेस्ट करियर कभी आगे नहीं बढ़ा क्योंकि पाकिस्तान में एक मानसिकता थी कि तेज स्कोर करने वाले बल्लेबाजों को उन्हें केवल एकदिवसीय और टी20 क्रिकेट तक ही सीमित रखना चाहिए।
शोएब मकसूद का पूरा बयान
पाकिस्तान के इस खिलाड़ी ने कहा कि मैं चार दिवसीय क्रिकेट में लगातार अच्छा प्रदर्शन करने वाला खिलाड़ी था। उस समय प्रथम श्रेणी और लिस्ट ए क्रिकेट में मेरा औसत 50 के आसपास था। जैसा कि मैंने कहा, पाकिस्तान में एक समय में एक संस्कृति थी कि अगर कोई खिलाड़ी जल्दी स्कोर करता है, तो वह केवल एकदिवसीय और टी20 के लिए उपयुक्त है। वीरेंदर सहवाग एक उदाहरण है। मुझे लगता है कि अगर डेविड वॉर्नर यहां पाकिस्तान में होते, तो उस समय टेस्ट क्रिकेट के लिए उनके नाम पर विचार नहीं किया जाता।
अपने करियर को लेकर उन्होंने कहा कि जब मैं 2013 में आया था, तब वनडे और टेस्ट क्रिकेट दिमाग में था लेकिन अब ऐसा नहीं है। उस समय मैंने खुद को टी20 खिलाड़ी के तौर पर नहीं देखा था। उल्लेखनीय है कि मकसूद ने 26 एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय और 20 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में क्रमश: 735 और 221 रन बनाए। दाएं हाथ के इस खिलाड़ी ने खुलासा किया कि टेस्ट में तेज स्कोर वाले खिलाड़ियों को नहीं चुनने की मानसिकता ने उनके करियर में बाधा डाली क्योंकि वह 2012-13 में घरेलू क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन कर रहे थे।