भारत के पूर्व खिलाड़ी मोहम्मद कैफ (Mohammad Kaif) ने सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) और विराट कोहली (Virat Kohli) की कप्तानी में एक बड़ा अंतर बताया है। कैफ के मुताबिक सौरव गांगुली अपने प्लेयर्स को पूरा मौका देते थे और उन्हें सपोर्ट करते थे जबकि विराट कोहली की कप्तानी का तरीका ऐसा नहीं है।
मोहम्मद कैफ के मुताबिक किसी भी खिलाड़ी को लगातार मौका देना चाहिए ताकि वो अपने आपको सेक्योर महसूस करें और उनके अंदर टीम से बाहर होने का डर ना हो।
स्पोर्ट्स तक पर बातचीत के दौरान मोहम्मद कैफ ने गांगुली और कोहली की कप्तानी को लेकर बयान दिया। उन्होंने कहा,
जब मैं कई सालों तक कप्तान रहा तो कई युवा खिलाड़ियों की कप्तानी की। इसलिए लॉन्ग टर्म में प्लेयर्स की सिक्योरिटी होना काफी जरूरी है क्योंकि इससे काफी फर्क पड़ता है। जब आप किसी खिलाड़ी से कहते हैं कि जाकर अपना गेम खेलिए आपको 4-5 मैच मिलेंगे मैं आपके पीछे हूं तो इससे उनका कॉन्फिडेंस बढ़ जाता है। टीम को हैंडल करने का सबसे अच्छा तरीका यही है और लीडर्स ऐसा ही करते हैं लेकिन ये विराट कोहली का तरीका नहीं है।
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सौरव गांगुली के समय चीजें काफी अलग थीं - मोहम्मद कैफ
मोहम्मद कैफ ने हालांकि ये भी कहा कि सौरव गांगुली जब टीम के कप्तान थे तब चीजें काफी अलग थीं। उन्होंने कहा,
अगर हम सौरव गांगुली की बात करें तो उनके पास ज्यादा ऑप्शंस नहीं होते थे। तब उस वक्त आईपीएल भी नहीं था। खिलाड़ियों का ध्यान नहीं भटकता था। गांगुली के पास 20-25 प्लेयर्स का पूल था जिसमें से वो खिलाड़ियों का चयन करते थे और उन्हें सपोर्ट करते थे। उन्हें पता था कि अगर किसी खिलाड़ी को लगातार मौका नहीं दिया गया तो फिर वो अपना बेस्ट परफॉर्मेंस नहीं दे पाएगा।
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