Sunil Gavaskar slams Gautam Gambhir for taking decision: भारत के दिग्गज सुनील गावस्कर ने शनिवार को शुभमन गिल और गौतम गंभीर के कोच-कप्तान समीकरण पर अपनी राय देकर हलचल मचा दी है। गावस्कर ने कप्तान गिल को याद दिलाया कि यह टीम उनकी है, न कि गंभीर की। उनका मानना है कि टीम सेलेक्शन को लेकर अंतिम फैसला कप्तान का ही होना चाहिए, कोच का नहीं।मैनचेस्टर में चल रहे चौथे टेस्ट के चौथे दिन गावस्कर से सीधा सवाल पूछा गया कि यह भारतीय टीम गिल की पीढ़ी की है या गंभीर की? इस पर उन्होंने कहा कि उनकी कप्तानी के दौर में ऐसी अस्पष्टता कभी नहीं थी क्योंकि उस समय कोई हेड कोच नहीं होता था। गावस्कर मैनेजर्स या असिस्टेंट मैनेजर्स से सलाह लिया करते थे जो ज्यादातर खुद भी पूर्व खिलाड़ी ही होते थे। सोनी स्पोर्ट्स से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा,"हमारे समय में कोच नहीं हुआ करते थे। टीम के मैनेजर या असिस्टेंट मैनेजर के रूप में सिर्फ पूर्व खिलाड़ी होते थे। वो ऐसे लोग होते थे जिनसे आप जाकर बात कर सकते थे, जो आपको लंच ब्रेक में, दिन का खेल खत्म होने के बाद या मैच की पूर्व संध्या पर सलाह देते थे। इसलिए मेरे लिए कप्तान और कोच की साझेदारी को समझ पाना थोड़ा मुश्किल है। जब मैं कप्तान था, तब हमारे पास कोई पूर्व खिलाड़ी नहीं होता था। सच कहूं तो हमारे साथ विंग कमांडर दुर्रानी और राज सिंह डूंगरपुर जैसे लोग थे। हमे केवल एक बार इरापल्ली प्रसन्ना मिले थे और वो शानदार थे।"अंतिम फैसला केवल कप्तान का होना चाहिए - गावस्करगावस्कर ने माना है कि सेलेक्शन मामलों में आखिरी फैसला कप्तान का ही होना चाहिए। उन्होंने इसके लिए कुलदीप यादव का उदाहरण दिया। बता दें कि कुलदीप को अभी तक इंग्लैंड दौरे पर एक भी मैच खेलने का मौका नहीं मिला है। गावस्कर ने शार्दुल ठाकुर का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा,“बात ये है कि आखिर में टीम कप्तान की ही होती है, जैसा कि नासिर हुसैन ने कहा था। आप ये नहीं कह सकते कि किसी खिलाड़ी को वो नहीं चाहते थे चाहे वो शार्दुल ठाकुर का मामला हो या कुलदीप यादव का। उन्हें टीम में होना चाहिए था। वो कप्तान है। लोग उसी की कप्तानी के बारे में बातें करेंगे, तो फैसला भी उसी का होना चाहिए।”