आज ही के दिन 2016 में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच टी20 वर्ल्ड कप का एक अहम मुकाबला खेला गया था। दोनों टीमों के लिए सेमीफाइनल में जगह बनाने के लिए यह मैच काफी महत्वपूर्ण था, लेकिन विराट कोहली की क्लास बल्लेबाजी के आगे ऑस्ट्रेलियाई टीम टिक ही पाई और भारत ने आखिरी ओवर में इस मैच को 6 विकेट से जीत लिया।
ऑस्ट्रेलिया ने इस करो या मरो के मुकाबले में टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला लिया। कंगारू टीम के लिए कोई भी बल्लेबाज बड़ी पारी नहीं खेल पाया, लेकिन फिर भी आरोन फिंच (43), ग्लेन मैक्सवेल (31)और उस्मान ख्वाजा (26) के योगदान की बदौलत 20 ओवरों में 160-6 का स्कोर खड़ा किया। भारत के लिए हार्दिक पांड्या ने सबसे ज्यादा 2, युवराज सिंह, जसप्रीत बुमराह, रविचंद्रन अश्विन और आशीष नेहरा को एक-एक विकेट मिला था।
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161 रनों का पीछा करने उतरी भारतीय टीम का स्कोर 49-3 हो गया था और टीम संघर्ष करती हुई नजर आ रही थी। विराट कोहली एक छोर पर टिके हुए थे, लेकिन उन्हें किसी का साथ नहीं मिल रहा था। युवी ने आकर कोहली का साथ दिया और दोनों के बीच में 6.2 ओवरों में 45 रनों की साझेदारी की और टीम को मैच में बनाए रखा। हालांकि जब युवी 21 रन बनाकर 94 के स्कोर पर आउट हुए, तो भारत को 6 ओवर में जीतने के लिए 67 रनों की दरकार थी और यह लक्ष्य काफी मुश्किल नजर आ रहा था।
कप्तान धोनी और उपकप्तान पारी को आगे लेकर गए और 17 ओवर के बाद भारत का स्कोर 122-4 था और अंतिम 3 ओवर में 39 रनों की दरकार थी। विकेट बल्लेबाजी के लिए मुश्किल थी और ऐसा लग रहा था कि भारत इस मैच को जीत नहीं पाएंगे। हालांकि कोहली ने जेम्स फॉकनर के ओवर की पहली गेंदों में पहले दो चौके लगाए फिर छक्का लगाया। इसके बाद चौथी गेंद पर दो रन आए, पांचवीं गेंद पर एक रन और आखिरी गेंद पर दो रन लेते हुए उस ओवर में 19 रन बनाए। अंतिम दो ओवर में भारत को जीतने के लिए 20 रनों की दरकार थी।
मैच का 19वां करने आए नाथन कूल्टर नाइल और स्ट्राइक पर विराट कोहली थे। पहली गेंद पर कोई रन नहीं आया, जिसके बाद दबाव भारत के ऊपर आ गया था। हालांकि कोहली ने इसके बाद दूसरी, तीसरी और चौथी गेंद पर लगातार तीन चौके लगाते हुए टीम के ऊपर से दबाव हटाया। पांचवीं गेंद पर फिर कोई नहीं आया, लेकिन आखिरी गेंद पर फिर चौका लगाते हुए टीम की जीत पक्की कर दी। आखिरी ओवर में भारत को जीतने के लिए 4 रन चाहिए थे। धोनी ने आखिरी ओवर की पहली गेंद पर चौका लगाकर भारत को जीत दिलाते हुए सेमीफाइनल में पहुंचाया। कोहली अंत में 51 गेंदों में 9 चौके और 2 छक्कों की मदद से 81 रन बनाए, तो धोनी ने 10 गेंदों में 18 रन बनाए।
इस साझेदारी में दोनों ने बाउंड्री तो लगाई ही, लेकिन साथ में रनिंग भी काफी शानदार रही, जिसके कारण ऑस्ट्रेलिया के ऊपर दबाव बढ़ा। दोनों ने अपनी साझेदारी में 6 डबल रन भी लिए। मैच जीतने के बाद कोहली का इमोशन साफ तौर पर दिख रहा था कि यह जीत उनके लिए कितनी मायने रखती थी। कोहली को उनकी यादगार पारी के लिए प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया। उनकी इस पारी को आने वाले कई सालों तक याद किया जाएगा।