भारतीय कप्तान विराट कोहली ने अपने करियर में अब तक का सबसे खराब दौर इंग्लैंड टूर बताया है। 2014 में हुए उस दौरे के बारे में उन्होंने पूर्व इंग्लिश खिलाड़ी केविन पीटरसन के साथ इन्स्टाग्राम पर हुई लाइव चैट के दौरान बताई। कोहली ने कहा कि मुझे सुबह ऐसा महसूस होता था कि रन नहीं बनेंगे और मैं आउट हो जाऊँगा। इस खराब दौर के बाद मैंने ऐसे विचार अपने मन में नहीं आने दिए। मैंने यही सोचा कि मुझे अपने लिए रन बनाने हैं। कोहली ने टेस्ट क्रिकेट को फेवरेट प्रारूप बताया और कहा कि यह जीवन का प्रदर्शन है तथा इस प्रारूप के कारण मैं बेहतर इन्सान बना हूँ।
रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर को अब तक आईपीएल में खिताब नहीं मिलने के बारे में कोहली ने कहा कि बड़े खिलाड़ी टीम में होते हैं तो सबकी नजरें उसी टीम पर होती है। ऐसा नहीं है कि हमने अच्छा खेला नहीं। तीन बार फाइनल और तीन बार सेमीफ़ाइनल में पहुँचने के बाद भी हम खिताबी जीत प्राप्त नहीं कर पाए। जब तक आप टूर्नामेंट नहीं जीतते, नजरें आप पर होती है।
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खुद का निकनेम चीकू कैसे पड़ा इस पर बोलते हुए कोहली ने कहा कि मैदान पर एमएस धोनी ने इस नाम को लोकप्रिय किया। इससे पहले मेरे रणजी कोच ने बड़े गाल होने की वजह से यह नाम मुझे दिया। एक कॉमिक्स के नाम से यह नाम आया और मुझे चीकू कहा जाने लगा।
केविन पीटरसन ने कोहली से मांसाहार छोड़ने के बारे में सवाल किया तब कोहली ने बताया कि रीढ़ की हड्डी में चोट के बाद मेरे पेट मेरी हड्डियों से यूरिक एसिड लेने लगा और मुझे दिक्कतों का सामना करना पड़ा। इसके बाद मैंने मांसाहार खाना छोड़ दिया और इससे मेरी फिटनेस, मानसिकता और अन्य सभी चीजों पर असर पड़ा। मैंने यही सोचा कि मैंने नॉनवेज पहले क्यों नहीं छोड़ा। 2009 के आईपीएल में बड़े खिलाड़ियों के साथ बैठने के बारे में सवाल पर कोहली ने कहा कि मैं कैलिस, द्रविड़ जैसे बड़े खिलाड़ियों को ऑब्जर्व करता था। उस समय नहीं सोचा था कि मैं करियर में इतना आगे तक जाऊँगा।