रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) का IPL 2024 में ख़राब प्रदर्शन जारी है और टीम को 6 अप्रैल को खेले गए सीजन के अपने चौथे मुकाबले में राजस्थान रॉयल्स (RR) के हाथों छह विकेट से हार का सामना करना पड़ा। 17वें सीजन में आरसीबी की यह लगातार तीसरी और कुल मिलाकर पांच मैचों में चौथी हार है। अपनी टीम की शिकस्त के बाद, कप्तान फाफ डू प्लेसी (Faf du Plessis) ने मुख्य तौर पर पिच के बर्ताव बदलने का जिक्र किया और कहा कि यह बाद में बेहतर हो गई।
जयपुर में खेले गए मुकाबले में पहले बल्लेबाजी का मौका मिलने पर रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु को फाफ डू प्लेसी के साथ मिलकर कप्तान विराट कोहली ने 125 रनों की शुरुआत दिलाई। डू प्लेसी (33 गेंद 44) 14वें ओवर में आउट हुए। उनके आउट होने के बाद कोहली के साथ-साथ अन्य बल्लेबाज तेजी से रन बनाने के लिए जूझते नजर आये। कोहली ने आखिरी में तेजी से रन बटोरे और अपना आठवां शतक पूरा करते हुए स्कोर को 183 तक पहुँचाया। 184 के लक्ष्य को राजस्थान रॉयल्स ने जोस बटलर के नाबाद शतक और कप्तान संजू सैमसन की अर्धशतकीय पारी की मदद से आसानी के साथ अंतिम ओवर में हासिल कर लिया।
मैच के बाद, फाफ डू प्लेसी ने कहा कि पिच शुरुआत में धीमी थी लेकिन दूसरी पारी में काफी बेहतर हो गई। उन्होंने कहा,
मुझे लगता है कि वहां बल्लेबाजी करते हुए, हमने पहली पारी में विकेट को थोड़ा पेंचीदा पाया। हमें लगा था कि 190 अच्छा स्कोर होगा। मुझे लगा कि हम अंत में 10 या 15 रन और बना सकते थे। यह जीतने के लिए एक अच्छा टॉस था, ओस के कारण बल्लेबाजी आसान हो गई। विराट अंतिम ओवरों में अच्छा खेल रहे थे। हमने जितना हो सके उतना कोशिश की, लेकिन गेंद को हिट करना काफी मुश्किल था। स्पिनरों के साथ, बहुत सारी गेंदें बल्ले के नीचे से टकरा रही थीं। मुझे लगता है कि पिच निश्चित तौर पर दूसरी पारी में बेहतर हुई। ओस यही करती है, यही विकेट की प्रकृति है। मुझे लगा कि उनके लिए टॉस जीतना अच्छा रहा।
फाफ ने आगे अपनी टीम की गेंदबाजी पर बात की और कहा,
हमने पहले चार ओवरों में शानदार प्रदर्शन किया। मुझे लगता है कि डागर के ओवर में आये 20 रनों ने मोमेंटम को दूर कर दिया और दबाव को हम पर वापस स्थानांतरित कर दिया। मैक्सवेल से गेंदबाजी इसलिए नहीं करवाई, क्योंकि सभी दाएं हाथ के बल्लेबाज बल्लेबाजी कर रहे थे, इसलिए शुरू में बाएं हाथ के स्पिनर के पास गए। क्रीज पर दो दाएं हाथ के बल्लेबाजों को देखते हुए बाएं हाथ के गेंदबाज का इस्तेमाल किया और बाद में लेग स्पिनर (हिमांशु शर्मा) को आक्रमण में डाल दिया। डिफेंसिव होने का कोई मतलब नहीं था, हमें विकेटों की जरूरत थी। जब हमने जायसवाल को आउट किया तो मुझे मैक्सवेल के पास जाने की जरूरत महसूस नहीं हुई।