3 भारतीय खिलाड़ी जो करियर के एकमात्र टेस्ट में नहीं ले पाए कोई विकेट

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भारतीय क्रिकेट टीम में ऐसे गेंदबाजों की कमी नहीं है जिन्होंने शानदार बॉलिंग करते हुए कई मैच टीम को जिताए हैं। भारत के घरेलू क्रिकेट की बात करें तो ऐसे कई खिलाड़ी हैं, जो इंटरनेशनल लेवल पर खेलने का सपना लिए पसीना बहा रहे हैं। भारतीय क्रिकेट की नेशनल टीम में शामिल होकर देश के लिए क्रिकेट मैच खेलने के लिए इन खिलाड़ियों को कड़ा परिश्रम, टैलेंट और डेडिकेशन की सबसे ज्यादा जरूरत है।

इन खूबियों के साथ जहां कई खिलाड़ियों ने खुद को साबित करते हुए नेशनल टीम में अपनी जगह बना ली हैं वहीं कुछ खिलाड़ी ऐसे भी हैं जो काफी मेहनत और मौका मिलने के बाद भी खुद को साबित करने में असफल रहे हैं और देश के लिए ज्यादा समय तक खेलने के अपने सपने को जी नहीं पाए। यहां जानिए ऐसे ही तीन टेस्ट खिलाड़ियों के बारे में जो अपना डेब्यू मैच में एक भी विकेट नहीं झटक पाए और इसी कारण वो खुद को भारतीय टेस्ट में ज्यादा समय तक नहीं रोक पाए।

#3 निखिल चोपड़ा

Nikhil Chopra

निखिल को उनके घरेलू मैचों में बेहतरीन प्रदर्शन के कारण साल 1998 में भारतीय क्रिकेट टीम में शामिल किया गया। 1999 में वेस्टइंडीज के खिलाफ खेले मैच में निखिल ने 5 विकेट लिए थे जिसके चर्चे हर जगह थे और निखिल अपने इस प्रदर्शन से काफी लाइमलाइट में आ गए थे। हालांकि साल 2000 में निखिल ने जब दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट डेब्यू किया तो वो अपना जलवा बिखेरने में नाकामयाब रहे।

डेब्यू मैच में निखिल ने 144 गेंदों पर एक भी विकेट नहीं लिया। इस परफॉर्मेंस के कारण उन्हें टेस्ट टीम से निकाल दिया गया और टीम में उनकी वापसी फिर नहीं हुई।

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#2 रॉबिन सिंह

Robin Singh

रॉबिन सिंह बल्लेबाजी, गेंदबाजी और फील्डिंग तीनों ही फॉर्मेट में काफी जबरदस्त प्रदर्शन के लिए मशहूर थे। कुछ वनडे इंटरनेशनल मैचों में तो रॉबिन ने अपनी बल्लेबाजी और गेंदबाजी के जरिए मैच को जीता देने वाली परफॉर्मेंस भी दी हैं। कुछ सालों के लिए रॉबिन सिंह टीम इंडिया का हिस्सा बने रहे लेकिन वो टीम इंडिया के साथ ज्यादा वक्त नहीं टिक सके।

साल 1998 में जिम्वाब्वे के खिलाफ खेले डेब्यू टेस्ट मैच में रॉबिन सिंह का खराब प्रदर्शन उनके पूरे करियर पर काफी भारी पड़ा। इस मैच में रॉबिन सिंह ने सिर्फ 27 रन स्कोर किए और 3.20 की इकोनॉमी रेट के साथ 60 गेंदों में 32 रन लुटा दिए। इस मैच में उन्होंने एक भी विकेट अपने नाम नहीं किया। इसके बाद उन्हें टीम से ही बाहर कर दिया गया।

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#1 जयदेव उनादकट

Jaydev Unadkat

घरेलू मैचों में शानदार प्रदर्शन के बाद जयदेव उनादकट ने भारतीय क्रिकेट टीम के लिए अपना टेस्ट डेब्यू 19 साल की कम उम्र में कर लिया था। साल 2010 में साउथ अफ्रीका के खिलाफ जयदेव ने अपना पहला इंटरनेशनल मैच खेला था। जयदेव के इतनी कम उम्र में टीम में शामिल होने के कारण सभी उनके गेम के लिए काफी एक्साइटेड थे लेकिन जयदेव की परफॉर्मेंस ने सभी को काफी निराश कर दिया।

डेब्यू मैच में जयदेव ने 26 ओवर में 101 रन गंवाए। बावजूद इसके उन्होंने भारतीय टीम के लिए एक भी विकेट नहीं झटका। डेब्यू मैच में ऐसे खराब प्रदर्शन के बाद जयदेव का नाम टीम से वापस ले लिया गया और इसके बाद वो इंटरनेशनल टेस्ट टीम में फिर कभी वापसी नहीं कर पाए।

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लेखक: विशाल सिंह

अनुवादक: हिमांशु कोठारी

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Edited by Naveen Sharma