भारतीय क्रिकेट में वीरेंदर सहवाग का योगदान अतुलनीय रहा है। सहवाग ने अपने तूफानी खेल से न केवल टीम को कई बार यादगार जीत दिलवाई बल्कि दर्शकों को भी खूब रोमांचित किया। सहवाग का अंदाज ही ऐसा था कि जब तक वे खेलते लोग टीवी से चिकपे रहते। सहवाग उन बल्लेबाजों में से एक थे जिन्हें मैदान पर टुक-टुक कर खेलना पसंद नहीं था, उन्हें तो गेंदबाजों को पीट-पीटकर अधमरा करने में मजा आता था।
यूं तो सहवाग के यादगार मैचों की फेहरिस्त काफी लम्बी है, लेकिन उनके वनडे करियर का एक ऐसा यादगार मैच है, जिसमें सहवाग ने ऐसी बल्लेबाजी की जिसे देखकर विरोधी टीम के छक्के छूट गए थे। एक ओर सहवाग बल्ला घुमाए जा रहे थे और दूसरी ओर विरोधी खेमे की सांसे ऊपर नीचे हो रही थी। आज हम आपको बताने जा रहे हैं सहवाग के वनडे करियर के उस सबसे महत्वपूर्ण मैच के बारे में जिसमें उन्होंने शानदार दोहरा शतक जमाया था और टीम को विशाल जीत भी दिलवाई।
तारीख थी 8 दिसंबर, 2011। स्थान था इंदौर का होल्कर स्टेडियम और सामने टीम थी वेस्टइंडीज। उस दिन टीम के नियमित कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी नहीं खेल रहे थे। उनकी गैरमौजूदगी में उपकप्तान सहवाग टीम की कमान संभाल रहे थे। सर्द हवाओं के बीच भारतीय टीम ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का निर्णय लिया।
69 गेंदों में जड़ा सैंकड़ा
आदत से मजबूर सहवाग ने मैदान में उतरते ही गेंदबाजों की धुनाई शुरू कर दी। गौतम गंभीर के साथ मिलकर सहवाग ने टीम को शानदार शुरुआत दी। सहवाग ने मात्र 41 गेंदों में अपना अर्धशतक पूरा कर लिया। हालांकि अगले 50 रन बनाने के लिए सहवाग ने मात्र 28 गेंदें ही खर्च की। सहवाग ने शतकीय पारी में 10 चौके और पांच छक्के जमाए। दूसरे छोर पर खड़े गंभीर 67 रन बनाकर आउट हुए, तो वहीं रैना 55 रन बनाकर आउट हुए।
149 गेंदों में जमाया दोहरा शतक
आम तौर पर सीमित ओवर्स के मैचों में सहवाग बहुत रिस्की शॉट खेला करते थे। जैसे ही वे हवा में कोई शॉट मारते फैंस की सांसे थम जाती, लेकिन जैसे ही गेंद सीमा रेखा के बाहर जाती फैंस खुशी से उछल पड़ते। फैंस के उत्साह से सरोबार वीरू अपने ही अंदाज में वेस्टइंडीज के गेंदबाजों पर हावी होते जा रहे थे। 150 रन तक पहुंचने में सहवाग ने मात्र 112 गेंदें ही खेली। इसके बाद भी सहवाग नहीं रुके तो उम्मीद बंधने लगी कि सहवाग आज अपना पहला दोहरा शतक भी पूरा कर सकते हैं।
उम्मीद के मुताबिक सहवाग बल्ला घुमाते रहे और रन बटोरते रहे। देखते ही देखते वह पल भी आ गया जब सहवाग ने वह कारनामा भी कर दिखाया। 140 गेंदें खेलने के बाद सहवाग ने 200 रन का आंकड़ा भी पार कर लिया। यहां तक पहुंचने में सहवाग ने 23 चौके और 6 छक्के जमाए। इस मैच में आउट होने से पूर्व सहवाग 149 गेंदों का सामना करने के बाद 25 चौके और 7 छक्कों की मदद से 219 रन बना चुके थे।
भारत ने 153 रन से जीता मुकाबला
वीरेंदर सहवाग की 219 रनों की शानदार पारी की बदौलत टीम इंडिया ने 418 रन का विशाल स्कोर खड़ा किया। इसके बाद बल्लेबाजी करने आई वेस्टइंडीज की टीम विशाल स्कोर के बोझ तले झुके कंधों के साथ मैदान में उतरी और 265 रनों पर ऑल आउट हो गई। इस प्रकार भारत ने यह मुकाबला 153 रनों के विशाल अंतर से जीत लिया। इस प्रकार यह दिन भारतीय टीम और वीरेंदर सहवाग उर्फ वीरू के लिए यादगार बना गया।